Hyderabad Encounter: विवादित बयान को लेकर SC में घिर सकती हैं जया बच्चन, स्वाति मालीवाल
Hyderabad Encounter सुप्रीम कोर्ट में तेलंगाना एनकाउंटर का समर्थन करने के एवज में जया बच्चन व स्वाति मालीवाल के खिलाफ एक याचिका दर्ज कराई गई है।
नई दिल्ली, एएनआइ। Hyderabad Encounter: तेलंगाना एनकाउंटर मामले में समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन और दिल्ली महिला आयोग की चीफ स्वाति मालीवाल को सुप्रीम कोर्ट में पेशी देना पड़ सकता है। दरअसल, दोनों के खिलाफ शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। एमएल शर्मा ने दोनों पर एनकाउंटर का समर्थन करने पर याचिका दायर की है। इसमें SIT का गठन करने और मामले की निगरानी की मांग की है। बता दें कि जया बच्चन और स्वाति मालीवाल तेलंगाना मामले के आरोपियों के एनकाउंटर का समर्थन दे रही हैं।
दरअसल, हैदराबाद एनकाउंटर के लिए समर्थन जाहिर करते हुए जया बच्चन ने कहा, ‘देर आए दुरुस्त आए।’ इससे पहले उन्होंने सदन में कहा था कि आरोपियों को भीड़ के हवाले कर देना चाहिए। हैदराबाद एनकाउंटर के बाद भी धरने पर बैठी स्वाति मालीवाल ने केंद्र सरकार से मांग की है कि देशभर में दुष्कर्म के दोषियों को गुनाह करने के बाद 6 माह के भीतर फांसी की सजा देने की व्यवस्था करे।
इससे पहले एडवोकेट जीएस मनी और प्रदीप कुमार यादव ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की जिसमें कहा है कि वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए गाइडलाइंस का पालन नहीं किया गया। इसमें मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी, जांच और कार्रवाई की मांग की गई है। तेलंगाना मामले में शामिल चार आरोपियों को एनकाउंटर में हैदराबाद पुलिस ने मार गिराया।
तेलंगाना में पशु चिकित्सक युवती के साथ दुष्कर्म व हत्या मामले में एनकाउंटर के दौरान हैदराबाद पुलिस ने चारों आरोपियों को मार गिराया। पुलिस का कहना है कि मामले के री-क्रिएशन के दौरान जब आरोपियों ने वहां से फरार होने की कोशिश की तभी पुलिस के साथ एनकाउंटर हुआ और चारों मारे गए।
2014 में सुप्रीम कोर्ट ने एनकाउंटर के लिए दिशा निर्देश जारी किया था। इसके तहत एनकाउंटर मामले की जांच शामिल पुलिस जवानों की टीम का नेतृत्व कर रहे अधिकारी के सीनियर की निगरानी में करानी होगी। इसके बाद मामले के बारे में राष्ट्रीय व राज्य मानवाधिकार आयोग को बताना होगा। इसमें जख्मी लोगों समेत मृतकों के परिजनों को सूचित करना आवश्यक है। मामले की जांच सीआइडी या अन्य पुलिस टीम से कराई जानी चाहिए।