एक और बड़े घोटाले का हुआ पर्दाफाश, अलबानिया में छुपा है 8100 करोड़ का बैंक घोटालेबाज संदेसरा बंधु
यह देखना दिलचस्प होगा कि रेड कार्नर नोटिस जारी होने के बाद ही अलबानिया नागरिकता ले चुके संदेसरा बंधुओं को गिरफ्तार करता है या नहीं।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। बैंकों के 8100 करोड़ रुपये लेकर फरार हुआ संदेसरा बंधु अलबानिया में है। जांच एजेंसियों के पास मौजूद जानकारी के मुताबिक नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और उसकी पत्नी दीप्ती संदेसरा ने अलबानिया की नागरिकता ले रखी है। प्रवर्तन निदेशालय इन तीनों के खिलाफ इंटरपोल से रेड कार्नर का नोटिस जारी करने की कोशिश कर रहा है। इसी मामले में नितिन संदेसरा के साले नितिन पटेल बुधवार को अलबानिया में गिरफ्तार कर लिया गया था और अब उसके प्रत्यर्पण की कोशिश की जा रही है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार चेतन, नितिन और दीप्ती संदेसरा ने अलबानिया में दो कंपनियां बनाकर निवेश भी कर रखा है। एजेंसियों के पास उनके अलबानिया के पासपोर्ट और नागरिकता का नंबर भी है, लेकिन समस्या यह है कि जब तक इंटरपोल से संदेसरा के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी नहीं हो जाता है, तब तक अलबानिया में उन्हें गिरफ्तार करना संभव नहीं होगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इंटरपोल को संदेसरा बंधुओं के खिलाफ सारे सबूत दे दिये गए हैं और उन्हें रेड कार्नर नोटिस जल्दी जारी करने के लिए कहा जा रहा है। रेड कार्नर नोटिस जारी होने के 10 दिन के भीतर अलबानिया हितेश पटेल को गिरफ्तार कर चुका है।
ध्यान देने की बात है कि संदेसरा बंधुओं ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विभिन्न बैंकों से लगभग 8100 करोड़ रुपये का कर्ज लिया और फिर उनसे 240 मुखौटा कंपनियों के सहारे विदेश स्थित कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया। इसके लिए विदेश में 100 मुखौटा कंपनियों की मदद ली गई।
जांच एजेंसियों के अनुसार बैंक लोन लेने और मामले को दबाये रखने के लिए संदेसरा बंधुओं ने बड़े नेताओं और अधिकारियों को 140 करोड़ रुपये की रिश्वत भी दी थी। जाहिर है मामला का खुलासा होने के पहले संदेसरा बंधु विदेश भाग गए। वैसे ईडी मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत संदेसरा की 4710 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुका है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वैसे तो अलबानिया के साथ भारत का अपराधियों के आदान-प्रदान का समझौता नहीं है] लेकिन इंटरपोल का सदस्य होने के नाते अलबानिया दूसरे देश से भागे हुए अपराधी को गिरफ्तार कर उसे सौंपने के लिए बाध्य है।
उन्होंने कहा कि नितिन पटेल को अलबानिया ने गिरफ्तार कर कर अच्छा संकेत दिया है, लेकिन पटेल ने वहां की नागरिकता नहीं ली थी। जबकि संदेसरा बंधु वहां की नागरिकता ले चुके हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि रेड कार्नर नोटिस जारी होने के बाद ही अलबानिया नागरिकता ले चुके संदेसरा बंधुओं को गिरफ्तार करता है या नहीं।