आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने निजामुद्दीन के मरकज में शामिल होने के आरोपों पर दी सफाई
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अमजद बाशा पर दिल्ली में निजामुद्दीन के मरकज में शामिल होने के आरोपों पर उन्होंने सफाई दी है।
आंध्र प्रदेश,एएनआइ। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अमजद बाशा पर दिल्ली में निजामुद्दीन के मरकज में शामिल होने के आरोपों पर उन्होंने सफाई दी है। उनका कहना है कि वह मुसलमानों के लिए 4 फीसद आरक्षण के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के सिलसिले में 2 मार्च को दिल्ली गए थे। वह मरकज में शामिल नहीं हुए थे। मीडिया में ये जो खबरें आ रही है कि वह मरकज में धार्मिक कार्यक्रम के लिए गए थे, वे असत्य है।
दरअसल, निजामुद्दीन में हुए तब्लीगी जमात के सम्मेलन में कई राज्यों के लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अमजद बाशा भी पिछले महीने दिल्ली आए थे। ऐसे में ये आशंका जताई जा रही थी कि क्या वह भी तो इस कार्यक्रम शामिल नहीं हुए थे। हालांकि, अब उन्होंने खुद इस मामले में सफाई देते हुए कहा है कि वह ऐसे किसी सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे।
दिल्ली में तब्लीगी जमात का सम्मेलन 13 से 15 मार्च, 2020 के बीच हुआ था। सरकारी सूत्रों के मुताबिक इसमें 2000 लोग शामिल हुए थे, जिसमें 700-800 विदेशी थे। यह भी जांच की जा रही है कि विदेशी नागरिक किस तरह का वीजा ले कर इसमें शामिल हुए थे। अभी तक गृह मंत्रालय ने कभी इसकी छानबीन नहीं की, लेकिन माना जा रहा है कि ये सभी टूरिस्ट वीजा पर आते रहे हैं, जबकि असलियत में इन्हें कांफ्रेंस वीजा लेना चाहिए। अभी गृह मंत्रालय इसकी जांच कर रहा है और जो भी वीजा नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाएगा, उनको हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट करने का विकल्प भी सरकार आजमाने से नहीं हिचकेगी।
बताया जा रहा है कि जमात की इस तरह की बैठक अक्सर एक-दो महीने पर होती हैं, जिसमें बड़ी संख्या में विदेशी आते रहे हैं। पाकिस्तान के समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के मुताबिक, लाहौर में 11 मार्च से 15 मार्च तक तब्लीगी जमात का बहुत ही बड़ा जलसा हुआ था। इसमें तकरीबन 2.5 लाख लोगों ने हिस्सा लिया था। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत ने जमात को सम्मेलन नहीं करने की सलाह इस आधार पर नहीं दी थी कि इससे महामारी का प्रसार होगा, बल्कि खराब मौसम का कारण बताया गया था। इसके बावजूद यह सम्मेलन हुआ था। यही वजह है कि तब्लीगी जमात को अभी समूचे एशिया में कोरोना को फैलाने वाला सबसे बड़ा वजह बताया जाने लगा है।