कोरोना संकट के बीच आंध्र प्रदेश में सियासत तेज, विधानसभा में NPR के खिलाफ प्रस्ताव पास
कोरोना संकट के बीच आंध्र प्रदेश में विधानसभा ने मौजूदा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ प्रस्ताव पास किया है।
अमरावती, पीटीआइ। कोरोना संकट के बीच आंध्र प्रदेश में सियासत में तेज हो गई है। राज्य विधानसभा ने बुधवार को मौजूदा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ प्रस्ताव पास किया। इसमें कहा गया है कि मौजूदा एनपीआर के प्रावधानों के कारण राज्य के लोगों के मन में भय पैदा होता है। इसलिए, एनपीआर को वर्ष 2010 के प्रारूप में ही रहने दिया जाए और जब तक ऐसा नहीं हो जाता तब तक इसकी प्रक्रिया रोक दी जाए। प्रस्ताव में आंध्र प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ अपने रुख को भी दोहराया है।
विधानसभा में पारित प्रस्ताव के अनुसार, 'एनपीआर-2020 में नए कॉलम जोड़े गए हैं। खासकर, माता-पिता के जन्मस्थान, जन्मतिथि और मातृभाषा के बारे में जानकारी वाले कॉलम बेवजह भ्रम पैदा करते हैं। इनसे जनता में अविश्र्वास पैदा हो रहा है जो इसके अनुपालन में टकराव की स्थिति पैदा कर सकता है। इन स्थितियों में राज्य सरकार केंद्र से आग्रह करती है कि एनपीआर के वर्ष 2010 वाले प्रारूप को ही बहाल किया जाए।'
यह प्रस्ताव उप मुख्यमंत्री (अल्पसंख्यक कल्याण) अमजत बाशा शेख बेपारी ने पेश किया था, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। यह प्रस्ताव कैबिनेट के चार मार्च के निर्णय पर आधारित था। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने मार्च में एनपीआर के नवीनीकरण की प्रक्रिया और वर्ष 2021 की जनगणना के पहले चरण के काम पर कोरोना महामारी के कारण रोक लगा दी थी। जनगणना का काम एक अप्रैल से 30 सितंबर तक चलना था।
उल्लेखनीय है कि यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है जब राज्य में कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। बुधवार को राज्य में कोरोना संक्रमण के 351 मामले सामने आए जिसके साथ संक्रमितों की संख्या 7,071 हो गई है। इनमें से 5,555 मामले स्थानीय है जबकि 1,253 दूसरे राज्यों से आए हैं। विदेशों से लौटने वाले 263 लोगों को भी संक्रमित पाया गया है। वहीं देश में बीते 24 घंटे में संक्रमण से 2,003 लोगों की मौत हो गई जिसके साथ मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 11,903 हो गई है। देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 3,54,065 हो गए हैं।