Move to Jagran APP

नक्‍सल प्रभावित राज्यों के सम्मेलन में बोले अमित शाह, न्यू इंडिया में वामपंथी उग्रवाद की कोई जगह नहीं

अमित शाह ने पिछले एक दशक में नक्सली हमलों में आ रही कमी का आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि पिछले साल केवल 60 जिलों में वामपंथी उग्रवाद की घटना नोट की गई है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 26 Aug 2019 01:23 AM (IST)Updated: Mon, 26 Aug 2019 10:51 PM (IST)
नक्‍सल प्रभावित राज्यों के सम्मेलन में बोले अमित शाह, न्यू इंडिया में वामपंथी उग्रवाद की कोई जगह नहीं
नक्‍सल प्रभावित राज्यों के सम्मेलन में बोले अमित शाह, न्यू इंडिया में वामपंथी उग्रवाद की कोई जगह नहीं

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ पहली बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को जीतने के लिए उनकी फंडिंग रोकने को मूलमंत्र बताया। वामपंथी उग्रवाद को लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ बताते हुए उन्होंने इसके लिए केंद्र और राज्यों की साझा लड़ाई की जरूरत बताई।

prime article banner

बैठक में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कई केंद्रीय मंत्रियों के अलावा राज्यों व केंद्र के आला अधिकारियों ने हिस्सा लिया। नक्सल इलाकों में चल रही विभिन्न विकास योजनाओं के साथ-साथ सुरक्षा बलों के ऑपरेशन की भी समीक्षा की गई।

फंडिंग पर लगाम
जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकियों की फंडिंग पर रोक लगाकर स्थिति को काबू करने में सफल रहे शाह नक्सलवाद के खिलाफ भी यही तरीका अपनाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि फंडिंग पर लगाम के जरिये नक्सलियों के रहने, खाने-पीने, घूमने, हथियारों की खरीद, ट्रेनिंग आदि व्यवस्थाओं को रोका जा सकता है।

उनका कहना था कि वामपंथी उग्रवादी सत्ता हथियाने एवं अपने लाभ के लिए सबसे कम विकसित क्षेत्रों में निर्दोष लोगों को गुमराह कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस नए भारत के निर्माण की बात करते हैं, उसमें वामपंथी उग्रवाद के लिए कोई जगह नहीं है।

मुख्यमंत्रियों ने भी बताए उपाय
बैठक में मौजूद मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में वामपंथी उग्रवाद पर लगाम लगाने के लिए किए जा रहे उपायों और जरूरतों के बारे में बताया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहां अधिक केंद्रीय सहायता की जरूरत बताई, वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त टुकडि़यों की मांग की।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेंद्र बघेल ने नक्सल इलाकों में विकास गतिविधियों को तेज करने व संचार माध्यम की पहुंच बढ़ाने की जरूरत बताई। बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी भी मौजूद थे।

समन्वय को कायम रखने की जरूरत
शाह ने पिछले एक दशक में नक्सली हमलों में आ रही कमी का आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि पिछले साल केवल 60 जिलों में वामपंथी उग्रवाद की घटना नोट की गई है। उन्होंने इसे राज्य सरकार, राज्य के सुरक्षा बल तथा केंद्रीय बलों के संयुक्त प्रयासों का नतीजा बताया। उन्होंने आगे भी इस समन्वय को कायम रखने की जरूरत बताई।

नक्सलवाद के खिलाफ 2015 की राष्ट्रीय नीति का हवाला देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि स्थानीय नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। इसके साथ ही स्थानीय पुलिस के आधुनिकीकरण और उन्हें बेहतर हथियार व सुविधाएं मुहैया कराने में राज्यों को केंद्र हरसंभव मदद उपलब्ध कराता रहेगा। नक्सलियों के चंगुल में फंसे लोगों को मुख्यधारा में लाने की कोशिशों को तेज करने के लिए उन्होंने नक्सलियों के आत्मसमर्पण को बढ़ावा देने और उनका पुनर्वास सुनिश्चित करने की जरूरत बताई।

इसे भी पढ़ें: केंद्रीय स्कीमों से कश्मीर में भरोसा बनाने की कवायद, गृह मंत्री ने रूपरेखा तैयार के दिए आदेश

इसे भी पढ़ें: IPS अधिकारियों की पासिंग आउट परेड में बोले शाह, रियासतों के विलय में छूट गया था J&K, PM मोदी ने किया पूरा
 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.