भाजपा का 'समर्थन के लिए संपर्क' अभियान शुरू, पूर्व सेना प्रमुख से मिले अमित शाह
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पूर्व सेना प्रमुख दलबीर सुहाग से मुलाकात की। इसके साथ ही भाजपा का समर्थन के लिए संपर्क अभियान भी शुरू हो गया है।
नई दिल्ली (शिवांग माथुर)। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को 'संपर्क फॉर समर्थन' अभियान की शुरुअात करते हुए इस अभियान के तहत सबसे पहले पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह सुहाग से मुलाकात की है। इसके बाद वे संविधान विशेषज्ञ और भूतपूर्व लोकसभा सेक्रेटरी जनरल सुभाष कश्यप से भी मिले। अभियान का मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की जनोपयोगी कार्यों के प्रति देश में जागरूकता पैदा करना और जनता का समर्थन हासिल करना है। बता दें कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह निजी तौर पर इस अभियान के तहत करीबन 50 लोगों से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, पार्टी पदाधिकारियों समेत चार हजार प्रमुख कार्यकर्ता पूरे देश में करीब एक लाख प्रतिष्ठित लोगों से मुलाकात कर उन्हें सरकार की उपलब्धियों की जानकारी देंगे।
पार्टी ने 'संपर्क फॉर समर्थन' अभियान मोदी सरकार के चार साल पूरे होने पर इसकी उपलब्धियां बताने के तौर पर शुरू किया है। इसे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों के रूप में भी देखना गलत नहीं होगा। बता दें कि इस अभियान के तहत भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारी देश के जाने माने लोगों से संपर्क करेंगे। इनमें ब्यूरोक्रेट्स, पूर्व सेना अधिकारी, विद्वान और अन्य क्षेत्रों की जानी मानी हस्तियों को शामिल किया गया है। नेता खुद लोगों के घर जाएंगे और पार्टी तथा सरकार के कार्यक्रमों और योजनाओं के बारे में उन्हें अवगत कराएंगे।
क्या भाजपा में एक और सेना प्रमुख शामिल होने वाले हैं?
भाजपा अध्यक्ष और पूर्व सेना प्रमुख दलबीर सिंह की मुलाकात के बाद से यह सवाल उठ रहे हैं की क्या एक और पूर्व सेना अध्यक्ष भाजपा में शामिल होंगे? असल में इन अटकलों की एक वजह यह भी हैं की मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री का पद पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह संभाल रहे हैं।
यहां गौर करने वाली बात यह है कि 31 मई 2012 को जनरल वीके सिंह सेना प्रमुख के पद से रिटायर हुए थे और साल 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वो भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद गाजियाबाद सीट से सांसद बनने के बाद वे मोदी कैबिनेट का हिस्सा भी हैं।
गौरतलब है कि भाजपा एक अभियान 'संपर्क फॉर समर्थन' चला रही है, जिसके तहत पार्टी के बड़े नेता मोदी सरकार के चार साल के कामकाज की बातें देश के जानी-मानी हस्तियों से मिलकर उनसे साझा करेंगे। इसी कड़ी में अमित शाह ने मंगलवार को पूर्व सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग से मुलाकात कर मोदी सरकार की 4 साल की उपलब्धियां बताईं हैं।
इस दौरान अमित शाह और दलबीर सुहाग की जिस गर्मजोशी से मुलाकात हुई, उसके बाद से कई तरही अटकलें शुरू हो गईं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या दलबीर सिंह सुहाग भी 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होकर इसी पार्टी के टिकट पर भाग्य आजमा सकते हैं? हालांकि बीजेपी की ओर से इस संबंध में साफ़ कहा गया है कि फिलहाल ऐसी कोई बात नहीं है।
पार्टी नेताओं का कहना है कि यह एक केवल एक अभियान के तहत मुलाकात थी। मौजूदा वक्त में 2019 का लोकसभा चुनाव भी नजदीक है, इसी बीच अमित शाह और दलबीर सिंह सुहाग की मुलाकात के साथ ही अटकलें शुरू हो गई हैं।
वहीं, दूसरी ओर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कानून और संविधान के जानकार सुभाष कश्यप से उनके सैनिक फार्म वाले आवास पर मुलाकात की, बता दें कि देश में जब भी संविधान पर किसी भी तरह की बहस छिडती है तब लोग सुभाष कश्यप को याद करते हैं। भाजपा की इस पूरी कवायद का मकसद बुद्धिजीवी वर्ग में सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाना है। ध्यान देने वाली बात यह है कि देश में बड़ा बुद्धिजीवी वर्ग है जो आम नागरिक में एक राय कायम करता है और इसी के चलते भाजपा की तरफ से कोशिश की जा रही हैं की वो कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके।