गृह मंत्री अमित शाह रखेंगे दूसरे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स की आधारशिला
आइआइएम और आइआइटी की तर्ज पर युवाओं के कौशल विकास के लिए प्रस्तावित दूसरा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स अहमदाबाद में खोला जाएगा।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आइआइएम और आइआइटी की तर्ज पर युवाओं के कौशल विकास के लिए प्रस्तावित दूसरा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स अहमदाबाद में खोला जाएगा। अगले बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसकी आधारशिला रखेंगे। इससे पहले कौशल विकास मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय ने मुंबई में पहले इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स की आधारशिला रखी थी। जल्द ही कानपुर में ऐसे तीसरे इंस्टीट्यूट को स्थापित करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
देशभर में खोले जाएंगे उच्च स्तर के छह संस्थान
कौशल विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार अगले एक-डेढ़ साल के भीतर तीनों संस्थान बनकर तैयार हो जाएंगे। सरकार की कोशिश है कि उनमें 2021-22 से युवाओं के कौशल विकास के प्रशिक्षण का काम शुरू हो जाए। सरकार की मूल योजना देशभर में उच्च स्तर के छह संस्थान खोलने की है।
पीपीपी मॉडल पर बनाया जा रहा संस्थान
कौशल विकास मंत्रालय के अनुसार, आइआइएम और आइआइटी की तर्ज पर कौशल विकास के लिए बनने वाले उच्च स्तरीय संस्थानों को पीपीपी मॉडल पर बनाया जा रहा है। इनमें निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। इसका उद्देश्य उद्योग जगत की अत्याधुनिक जरूरतों के अनुसार विश्वस्तरीय प्रशिक्षित युवाओं को तैयार करना है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फिलहाल आइटीआइ जैसी संस्थाएं युवाओं के कौशल विकास का प्रशिक्षण देती हैं। लेकिन, उच्च गुणवत्ता के कौशल विकास के लिए ये अपर्याप्त हैं, जबकि उच्च प्रशिक्षित कामगारों की मांग बढ़ती जा रही है। जाहिर है इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स भविष्य में इस कमी को पूरी कर सकेगा। इनमें ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निग, साइबर टेक्नोलॉजी और ऊर्जा संरक्षण के विशेष पाठ्यक्रम शामिल किए जा रहे हैं। मौजूदा समय में ही विभिन्न उद्योगों में इन विषयों में प्रशिक्षित युवाओं की मांग बहुत ज्यादा है। आने वाले समय में इसकी मांग और बढ़ेगी।
12वीं पढ़ने के बाद नामांकन की सुविधा
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन संस्थानों में सीधे 12वीं पढ़ने के बाद नामांकन की सुविधा होगी। इसके साथ ही आइटीआइ के प्रशिक्षित छात्रों को भी यहां अपने कौशल को और अधिक विकसित करने का अवसर प्रदान किया जाएगा। इसके लिए आइटीआइ के पाठ्यक्रम में जरूरी बदलाव करने पर काम चल रहा है।