काउंटडाउन शुरू हो गया है, मार्च में त्रिपुरा में सरकार बनाएगी भाजपा- अमित शाह
नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा तैयारी में जुटी है।
अगरतला (जेएनएन)। मिशन पूर्वोत्तर पर निकले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज अगरतला में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'मैं राज्य सरकार को बताना चाहूंगा कि भाजपा हिंसा से दबने वाले नहीं हैं। आप जितना हिंसा का कीचड़ फैलाओगे, कमल उतने अच्छे से खिलेगा। त्रिपुरा की 37 लाख की जनसंख्या में से 7 लाख लोगों का नाम बेरोजगारों की लिस्ट में है। स्वास्थ्य सुविधाएं भी बदतर हैं। 25 साल में यही काम हुआ है।'
अमित शाह यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा, 'काउंटडाउन शुरू हो चुका है। भाजपा मार्च में सरकार बनाएगी। अगर भ्रष्टाचारी लोग अंडरग्राउंड हो गए तो भाजपा उन्हें जमीन खोदकर बाहर लाएगी।' आपको बता दें कि पूर्वोत्तर के राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा जोर-शोर से तैयारियों में में जुटी है। इसी सिलसिले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शनिवार को मेघालय पहुंचे जहां उन्होंने गारो हिल्स जिले के टिकरीकेला में एक जनसभा के दौरान कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। साथ ही उन्होंने राज्य की जनता से मेघालय को विकास से महरूम रखने वाली प्रदेश की कांग्रेस सरकार को 2018 में उखाड़ फेंकने का आह्वान किया।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार मेघालय के विकास के लिए कटिबद्ध है। यदि मेघालय में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन जाती है तो राज्य का विकास डबल इंजन की स्पीड से हो सकेगा। उन्होंने कहा कि पीएम द्वारा जो पैसा मेघालय के विकास और यहां के लोगों की भलाई के लिए भेजा जाता है, वह प्रदेश की कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है।
त्रिपुरा का इतिहास
2013 के चुनाव में बीजेपी ने 50 उम्मीदवार मैदान में उतारे, जिनमें से 49 की जमानत जब्त हो गई. 2008 में भी पार्टी के 49 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी। इसी तरह 2003 में बीजेपी के 21 उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा सके थे। 1998 में पार्टी ने पहली बार राज्य की सारी 60 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन पार्टी के 58 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
अमित शाह के भाषण की बड़ी बातें
- आज की रैली में उमड़े विशाल जन-सैलाब से यह स्पष्ट है कि त्रिपुरा की जनता ने राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने का निर्णय ले लिया है।
- कांग्रेस की यूपीए सरकार (कम्युनिस्ट पार्टी समर्थित सरकार) ने 13वें वित्त आयोग के पांच वर्ष में त्रिपुरा को केंद्रीय करों मंं हिस्सेदारी के तौर पर जहां केवल लगभग 7,283 करोड़ रुपये ही दिए, वहीं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 14वें वित्त आयोग में पांच वर्षों में त्रिपुरा को 25,923 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं।
- मोदी सरकार ने इसके अतिरिक्त विभिन्न योजनाओं में अलग से त्रिपुरा को 17,000 करोड़ रुपये दिए हैं और कई योजनाओं की शुरुआत की है। यदि साढ़े तीन साल में मोदी सरकार त्रिपुरा के विकास के लिए इतने सारे काम कर सकती है तो फिर इतने वर्षों में माणिक सरकार ने त्रिपुरा के विकास के लिए कुछ क्यों नहीं किया।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम त्रिपुरा को मॉडल स्टेट बनाना चाहते हैं, त्रिपुरा को विकसित राज्यों की पंक्ति में खड़ा करना चाहते हैं।
- त्रिपुरा में केवल मुख्यमंत्री, मंत्री अथवा विधायक बदलने के लिए परिवर्तन नहीं लाना चाहते हैं बल्कि हम त्रिपुरा की गरीब जनता की स्थिति में व्यापक सुधार लाने के लिए परिवर्तन लाना चाहते हैं।
- 25 सालों के सीपीएम शासन के बावजूद त्रिपुरा का विकास नहीं हो पाया। आखिर 25 साल तक माणिक सरकार ने किया क्या है, उन्होंने रोजवैली चिटफंड में अरबों-खरबों का घोटाला कर गरीब जनता की गाढ़ी कमाई को लूटा है, हिंसा का तांडव फैलाया है और कैडर की दादागिरी से लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया है।
- हम भारतीय जनता पार्टी वाले हैं, हम हिंसा से नहीं डरते, हिंसा का कीचड़ जितना उछालोगे, कमल उतने ही अच्छे तरीके से खिल कर बाहर आयेगा। त्रिपुरा में अब हिंसा का कुचक्र नहीं चलने वाला है, त्रिपुरा की जनता जाग चुकी है।
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