शाह ने कहा- आरसेप पर हस्ताक्षर नहीं करना पीएम मोदी के मजबूत नेतृत्व को दर्शाता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वर्षों से यह कड़ा रुख रहा है कि अगर हमारे हितों का ध्यान नहीं रखा गया तो हम समझौता नहीं करेंगे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि आरसेप समझौते पर भारत के हस्ताक्षर नहीं करने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व और सभी परिस्थितियों में राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा करने के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
हस्ताक्षर न करना मोदी के मजबूत नेतृत्व का परिणाम है
एक के बाद एक किए ट्वीट में शाह ने कहा कि इस फैसले से भारत के किसानों, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र, डेयरी और विनिर्माण क्षेत्रों को सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा, 'आरसेप पर हस्ताक्षर न करने का भारत का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व और सभी परिस्थितियों में राष्ट्रीय हित सुनिश्चित करने के दृढ़ संकल्प का परिणाम है।'
मोदी का स्वागत योग्य कदम
गृह मंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वर्षों से यह कड़ा रुख रहा है कि अगर हमारे हितों का ध्यान नहीं रखा गया तो हम समझौता नहीं करेंगे और यह अतीत की तुलना में स्वागत योग्य कदम है जब कमजोर संप्रग सरकार व्यापार के मुद्दे पर झुक गई थी और राष्ट्रीय हितों की रक्षा नहीं कर सकी।'
भाजपा का राहुल पर तंज
वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने आरसेप के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा मोदी सरकार की आलोचना किए जाने पर पलटवार किया है। भाजपा ने ट्वीट किया, 'प्रिय राहुल गांधी, लगता है ध्यान यात्रा ने आपको आरसेप पर जगा दिया है।' भाजपा ने कहा, 'कुछ तथ्य दिए जा रहे हैं जो आपकी चयनात्मक भूलने की बीमारी में मदद करेंगे।' सत्तारूढ़ दल ने कहा कि यह कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार थी, जो 2012 में आरसेप वार्ता में शामिल हुई थी।