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शाह ने कहा- कृषि सुधार के दो विधेयकों के पारित होने से कृषि क्षेत्र में होगी नए युग की शुरुआत

कृषि सुधारों से हमारे किसान भाइयों को उन बिचौलियों से छुटकारा मिलेगा जो अभी तक उन्हें उनके हक से वंचित किए हुए थे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 11:43 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 11:43 PM (IST)
शाह ने कहा- कृषि सुधार के दो विधेयकों के पारित होने से कृषि क्षेत्र में होगी नए युग की शुरुआत
शाह ने कहा- कृषि सुधार के दो विधेयकों के पारित होने से कृषि क्षेत्र में होगी नए युग की शुरुआत

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को राज्यसभा में कृषि संबंधी दो विधेयकों के पारित होने पर कहा कि इससे कृषि क्षेत्र में 'अभूतपूर्व' विकास के युग की शुरुआत होगी।

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शाह ने कहा- न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था जारी रहेगी

विधेयक पारित होने के बाद शाह ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था जारी रहेगी। इन विधेयकों के पारित होने से साफ जाहिर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के संपूर्ण विकास और कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।

शाह ने कहा- दशकों तक किसानों को गरीबी के अंंधेरे में रखने वाले ही विधेयकों का विरोध कर रहे हैं

जिन लोगों ने वोट बैंक की राजनीति में दशकों तक किसानों को गरीबी के अंंधेरे में रखा वही लोग अब इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं।

गृह मंत्री ने कहा- कृषि सुधारों से किसानों को बिचौलियों से मिलेगा छुटकारा

मैं किसान भाइयों से कहना चाहता हूं कि आपके हित की बात सोच सकता है तो वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। इन कृषि सुधारों से हमारे किसान भाइयों को उन बिचौलियों से छुटकारा मिलेगा जो अभी तक उन्हें उनके हक से वंचित किए हुए थे।

शाह ने असम से जुड़े मसलों पर सीएम के साथ की मंत्रणा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को अपने आवास पर असम के प्रमुख मसलों पर मंत्रणा की। दो घंटे चली इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में असम सरकार के शीर्ष अधिकारियों की टीम भी मौजूद थी।यह पहली ऐसी बड़ी बैठक है जिसमें अमित शाह ने दिल्ली स्थित एम्स से लौटने के बाद हिस्सा लिया है। उन्हें पिछले हफ्ते मेडिकल चेकअप के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बैठक में असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी), छह जातीय समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने और असम समझौते की धारा-6 समिति की सिफारिशों से जुड़े मसलों पर विचार-विमर्श किया गया।मालूम हो कि पिछले साल प्रकाशित एनआरसी की अंतिम सूची को राज्य सरकार ने विसंगतियों का आरोप लगाते हुए खारिज कर दिया था। इस सूची से 19.06 लाख लोग बाहर हो गए थे। कुल 3.30 करोड़ आवेदकों में से 3.11 करोड़ लोगों को इसमें शामिल किया गया था।


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