Move to Jagran APP

अमित शाह ने कहा- हमेशा केंद्र शासित नहीं रहेगा जम्मू और कश्मीर

अमित शाह ने लिंग आधारित आरक्षण पर अपना विरोध दर्ज करते हुए कहा कि पुलिस में महिलाओं का कम प्रतिनिधित्व का उपाय आरक्षण नहीं है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 08 Oct 2019 12:03 AM (IST)Updated: Tue, 08 Oct 2019 01:45 AM (IST)
अमित शाह ने कहा- हमेशा केंद्र शासित नहीं रहेगा जम्मू और कश्मीर
अमित शाह ने कहा- हमेशा केंद्र शासित नहीं रहेगा जम्मू और कश्मीर

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोहराया कि जम्मू और कश्मीर हमेशा के लिए केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहेगा। जब वहां हालात बेहतर होंगे तो उसे फिर से राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा।

loksabha election banner

फिर से मिलेगा राज्य का दर्जा

गृह मंत्रालय ने सोमवार को बयान जारी कर अमित शाह के हवाले से बताया कि हालात सामान्य होने के बाद जम्मू और कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा मिल जाएगा। उसका केंद्र शासित होना स्थायी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 से कश्मीरी संस्कृति और पहचान सुरक्षित थी, सरासर गलत है। भारतीय संविधान के तहत सभी क्षेत्रों को अपनी पहचान बचाए रखने के प्रावधान हैं। बल्कि अनुच्छेद 370 के दुरुपयोग से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा था।

राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की आवश्यकता

शाह ने यह वक्तव्य भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के 2018 बैच के अफसरों के एक कार्यक्रम में दिया। इस दौरान उन्होंने अनुच्छेद 370 से लेकर एनआरसी जैसे मुद्दों पर भी बातचीत की। उन्होंने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि एनआरसी को राजनीतिक कवायद के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। यह व्यवस्था सभी नागरिकों को विकास का लाभ देने के लिए सुनिश्चित की जा रही है। शाह ने कहा कि पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए कानून और व्यवस्था का पालन करना होगा।

आइपीसी और सीआरपीसी में बदलाव जरूरी

उन्होंने आइपीएस अफसरों से कहा कि पुलिस का मोटो बल का न्यूनतम प्रयोग और अधिकतम प्रभाव होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के दर्शन में पुलिस को जनता का विश्वास जीतने के लिए संवेदनशीलता और ह्यूमन टच की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि आइपीसी और सीआरपीसी की अवधारणा में बदलाव की जरूरत है। इन दोनों पीनल कोड को ब्रिटिश शासन के संरक्षण के बजाय देश की जनता के कल्याण के कल्याण के लिए होना चाहिए।

महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व का इलाज आरक्षण नहीं

अमित शाह ने लिंग आधारित आरक्षण पर अपना विरोध दर्ज करते हुए कहा कि पुलिस में महिलाओं का कम प्रतिनिधित्व का उपाय आरक्षण नहीं है। उन्होंने कहा कि महिला आइएएस अफसर महिलाओं को पुलिस में भर्ती होने के लिए प्रेरित कर सकती है। इस मामले में सामाजिक सोच को बदलने की जरूरत है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.