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लोकसभा में अगली बेंच पर दिखेंगे अमित शाह, भाजपा के कई दिग्गज नेता सदन में नहीं आएंगे नजर

राज्यसभा के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह लोकसभा में अगली बेंच पर दिखेंगे। जबकि पार्टी के कई वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज लालकृष्ण आडवाणी और जोशी इस बार नजर नहीं आएंगे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 24 May 2019 11:49 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 11:49 PM (IST)
लोकसभा में अगली बेंच पर दिखेंगे अमित शाह, भाजपा के कई दिग्गज नेता सदन में नहीं आएंगे नजर
लोकसभा में अगली बेंच पर दिखेंगे अमित शाह, भाजपा के कई दिग्गज नेता सदन में नहीं आएंगे नजर

नई दिल्ली, जेएनएन। लोकसभा के भीतर इस बार सत्तापक्ष बदले स्वरूप में नजर आएगा। राज्यसभा के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी लोकसभा में अगली बेंच पर दिखेंगे। जबकि पार्टी के दो वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज और लालकृष्ण आडवाणी इस बार नजर नहीं आएंगे। सुमित्रा महाजन की अनुपस्थिति में लोकसभा अध्यक्ष के रूप में सत्ता पक्ष की ओर से एक नया चेहरा सामने होगा। यह देखना भी दिलचस्प होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बगल वाली सीट पर कौन बैठता है।

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भाजपा की ऐतिहासिक जीत के रणनीतिकार अमित शाह की मौजूदगी का असर सदन में दिखना स्वाभाविक है। शाह के साथ ही स्मृति इरानी और रविशंकर प्रसाद भी राज्यसभा के बजाय इस बार लोकसभा में नजर आएंगे। तीन-तीन बड़े नेताओं की मौजूदगी विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के खिलाफ सत्ता पक्ष के हमले की धार को तेज करेगा।

नए तेवर में दिखेगी भाजपा
नियम के पाबंद शाह की उपस्थिति से भाजपा सांसदों के लिए सदन से अनुपस्थित रहना आसान नहीं होगा। इसके साथ ही बहस के दौरान भी शाह की अगुवाई में भाजपा नए तेवर में नजर आ सकती है। वैसे तो प्रधानमंत्री खुद भी समय और नियम के पाबंद हैं और कई बार अपने सांसदों को सदन में मौजूद रहने और सक्रिय हिस्सेदारी निभाने की नसीहत दे चुके हैं। लेकिन व्यस्तता के कारण वे खुद सदन में काफी समय नहीं दे पाते हैं। माना जा रहा है कि शाह सदन में अधिक समय दे सकेंगे। ध्यान देने की बात है कि अमित शाह पहली बार पिछले साल ही राज्यसभा के सदस्य चुने गए थे।

कई बड़े नेताओं की खलेगी कमी
वहीं लंबे समय से लोकसभा के भीतर भाजपा का चेहरा रहे लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और सुषमा स्वराज नजर नहीं आएंगी। इसी तरह नौ बार सांसद रही सुमित्रा महाजन भी नहीं होगी। अपनी भदेस शैली और वाकपटुता के लिए जाने जाने वाले हुकुमदेव नारायण यादव की कमी भी सत्ता पक्ष में खलेगी। वैसे सुमित्रा महाजन की अनुपस्थिति में लोकसभा अध्यक्ष के पद पर नए चेहरे के लिए अटकलों का दौर भी शुरू हो गया है।

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