अमित शाह ने संसद में गिनाई 370 से पैदा हुई रुकावटें, 10 प्वाइंट में जाने
लोकसभा में जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि आज तक जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक आयोग नहीं बनाया गया। यह सिर्फ अनुच्छेद 370 की वजह से ही हुआ।
नई दिल्ली, जेएनएन। लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पास हो गया है। बिल के समर्थन में 370 वोट पड़े, जबकि विरोध में 70 वोट पड़े। बिल पर जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 370 हटाना कैसे सांप्रदायिक एजेंडा हो सकता है? क्या वहां हिन्दू, सिख और जैन नहीं रहते हैं? आज तक वहां अल्पसंख्यक आयोग नहीं बनाया गया। यह सिर्फ अनुच्छेद 370 की वजह से हुआ। इस दौरान उन्होंने आर्टितल 370 से पैदा हुई रुकावटें गिनाई।
370 के चलते आई राज्य में रुकावटें
1- दलित और आदिवासियों को राजनीतिक आरक्षण से वंचित रखा गया।
2- देश भर में शिक्षा का अधिकार लागू है लेकिन कश्मीर में शिक्षा का अधिकार लागू नहीं है।
3- आज तक यहां बाल विवाह कानून लागू नही हो पाया। देश भर में बच्चियों की शादी की उम्र तय हो गई लेकिन कश्मीर में कितनी भी छोटी बच्ची हो उससे शादी कर सकते हैं।
4- भ्रष्टाचार से निपटने के लिए व्हिसल ब्लोअर बिल जम्मू-कश्मीर में लागू नही है, जिसके चलते भ्रष्टाचार उजागर नहीं हो सका, - भ्रष्टाचार निरोध शाखा जम्मू-कश्मीर में काम नहीं कर पाई।
5- नेशनल कमीशन फॉर सफाई कर्मचारी नहीं बन सका।
6- भूमि अधिग्रहण और दिव्यागों के लिए बने कानून वहां लागू नहीं होते। देश भर में परिसीमन हुआ लेकिन जम्मू कश्मीर में आबादी बढ़ जाने के बावजूद परिसीमन नहीं हो पाया, लेकिन 370 के हटते ही परिसीमन किया जा सकेगा।
7- केंद्र के विकास कार्यो से जुड़े कई अन्य कानून कश्मीर में लागू नही हो पाए, जिसके चलते विकास बाधित रहा।
8- 1989 से 2019 तक की अवधि में लगभग 41,000 लोग मारे गए, इसके पीछे अनुच्छेद 35ए बड़ा कारण।आतंकवाद पर लगाम नहीं लग सकी, 370 आतंक के मूल कारणों में से एक।
9 - जम्मू-कश्मीर में आज तक अल्पसंख्यक आयोग नहीं बनाया गया, वहां के सिख, जैन और बौद्ध के लिए अल्पसंख्यक आयोग नहीं बनाया गया।
10- जल कल्याण का जो पैसा केंद्र से गया उससे जनता का पूरा विकास नहीं हुआ क्योंकि 370 की वजह से भ्रष्टाचार चलता रहा। इसी 370 को ढाल बनाकर भ्रष्टाचार करने का काम वहां के नेताओं ने किया।
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