इस्तीफे की सियासी अटकलों के बीच 30 से अधिक संतों ने येदियुरप्पा से की मुलाकात, दिया अपना समर्थन
कर्नाटक की राजनीति में इन दिनों उथल पुथल का माहौल है। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के इस्तीफे के कयास लगाए जा रहे हैं। इसी बीच मंगलवार को विभिन्न मठों के 30 से अधिक संतों ने बेंगलुरु में सीएम बीएस येदियुरप्पा से मुलाकात की और उन्हें अपना समर्थन दिया।
बेंगलुरु, एएनआइ। कर्नाटक की राजनीति में इन दिनों उथल पुथल का माहौल है। सियासी गलियारों में मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के इस्तीफे के कयास लगाए जा रहे हैं। इसी बीच मंगलवार को विभिन्न मठों के 30 से अधिक संतों ने बेंगलुरु में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से मुलाकात की और उन्हें अपना समर्थन दिया।
Karnataka: More than 30 seers of different mutts met CM BS Yediyurappa in Bengaluru and extended their support to him. pic.twitter.com/0msSMtJ0Iu
— ANI (@ANI) July 20, 2021
सत्तारूढ़ भाजपा के एक वर्ग के भीतर इस बात की चर्चा तेज है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का सीएम की कुर्सी से जाना तय है। ऐसा लगता है कि राज्य की राजनीति में सामुदायिक कारक सामने आ गए हैं। लिंगायत समुदाय के कई संतों और प्रमुख नेताओं जो कि राज्य की आबादी का लगभग 16 फीसद होने का अनुमान है। 78 वर्षीय लिंगायत नेता येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाने के किसी भी कदम के खिलाफ भाजपा को आगाह किया है।
वीरशैव-लिंगायत समुदाय को भाजपा का मुख्य समर्थन आधार माना जाता है। येदियुरप्पा की जगह लेने की अटकलों के बीच दावणगेरे से कांग्रेस के विधायक शमनूर शिवशंकरप्पा ने भाजपा आलाकमान से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने रहें। इसके अलावा, उन्होंने भाजपा को चेतावनी दी कि अगर उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह सीएम के साथ एकजुटता से खड़े होंगे। स्वयं लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखने वाले शिवशंकरप्पा अखिल भारतीय वीरशैव महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।
उन्होंने कहा कि वीरशैव-लिंगायत महासभा उनके साथ है, अगर येदियुरप्पा परेशान होते हैं, तो चीजें वहीं खत्म हो जाएंगी। इसके साथ ही लिंगायत समुदाय के एक अन्य प्रमुख कांग्रेसी नेता और पूर्व मंत्री एम बी पाटिल ने चेतावनी दी है कि अगर भाजपा येदियुरप्पा जैसे बड़े नेता के साथ गलत व्यवहार करती है, तो उसे लिंगायतों के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है।