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आज अमेरिका समेत 16 देशों के राजदूत हालात का जायजा लेने जाएंगे जम्मू-कश्मीर

राजदूतों ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुक अब्दुल्ला उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से मिलने देने का भी आग्रह किया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 11:30 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 07:26 AM (IST)
आज अमेरिका समेत 16 देशों के राजदूत हालात का जायजा लेने जाएंगे जम्मू-कश्मीर
आज अमेरिका समेत 16 देशों के राजदूत हालात का जायजा लेने जाएंगे जम्मू-कश्मीर

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ आइ जस्टर समेत 16 देशों के राजदूत गुरुवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर जाएंगे। अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद यह पहला मौका होगा कि राजदूत हालात का जायजा लेने जम्मू-कश्मीर जाएंगे। यूरोपीय संघ के राजदूत किसी और दिन वहां का दौरा करेंगे।

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राजदूत दिल्ली से सुबह श्रीनगर जाएंगे, रात्रि विश्राम जम्मू में करेंगे, मुर्मू से करेंगे मुलाकात

अधिकारियों ने बताया कि राजदूत दिल्ली से सुबह सीधे श्रीनगर जाएंगे। वहां सिविल सोसाइटी के सदस्यों और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों से राज्य के हालात की जानकारी लेने के बाद शाम को जम्मू चले जाएंगे। वहीं पर रात्रि विश्राम के बाद शुक्रवार को ये सभी राजदूत उप राज्यपाल जीसी मुर्मू से मुलाकात करेंगे। वहां भी सिविल सोसाइटी के सदस्यों के साथ उनकी मुलाकात होगी।

अमेरिका, बांग्लादेश, वियतनाम, मालदीव, दक्षिण कोरिया के राजदूत भी होंगे

अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि इस प्रतिनिधिमंडल में अमेरिका, लैटिन अमेरिकी और अफ्रीकी देशों के राजदूतों के साथ ही साथ बांग्लादेश, वियतनाम, मालदीव, दक्षिण कोरिया के राजदूत भी होंगे। ब्राजील के राजदूत को भी जाना था, लेकिन वो पहले से तय कार्यक्रमों के चलते नहीं जा पा रहे हैं।

कई देशों के राजदूतों ने जम्मू-कश्मीर का जायजा लेने का अनुरोध किया था

अधिकारियों ने बताया कि कई देशों के राजदूतों ने जम्मू-कश्मीर जाने और वहां के हालात का जायजा लेने का अनुरोध किया था। वहीं यूरोपीय संघ के देशों ने यह यात्रा किसी और तारीख में कराने की बात कही है।

फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से मिलने का भी आग्रह किया

समझा जाता है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से मिलने देने का भी आग्रह किया है।

यूरोपीय संघ के कुछ राजदूत इस दौरे का हिस्सा नहीं होना चाहते, लगाई गई रोकटोक पर खिन्न हैं

सूत्रों के अनुसार यूरोपीय संघ के कुछ राजदूत इस दौरे का हिस्सा नहीं होना चाहते हैं। दरअसल वह वहां पर लगाई गई रोकटोक को लेकर खिन्न हैं। इससे पहले, अक्टूबर 2019 में यूरोपीय संघ के कुछ सांसदों का प्रतिनिधिमंडल जम्मू और कश्मीर के दौरे पर गया था और वहां हालात सामान्य बताए थे। पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने और उसे दो हिस्सों में बांटने के बाद किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल का वह पहला दौरा था।


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