भगोड़ा विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए हर संभव प्रयास, ब्रिटिश कोर्ट ने माल्या को दी राहत
भारत में संवेदनशीलता को देखते हुए माल्या का प्रत्यर्पण महत्वपूर्ण है।रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने उसे निचली अदालत के प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति दे दी।xh
नई दिल्ली, प्रेट्र। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए प्रतिबद्धता मजबूत है। भगोड़े शराब कारोबारी को ब्रिटेन से भारत वापस लाने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। विदेश मंत्रालय ने यह प्रतिबद्धता तब जताई है जब ब्रिटेन की एक कोर्ट ने कहा है कि ब्रिटिश हाई कोर्ट में प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ तीन दिनों तक सुनवाई अगले साल 11 फरवरी से शुरू होगी।
घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'यह न्यायिक प्रक्रिया है। अगली सुनवाई की तारीख तय करना कोर्ट पर निर्भर है।'
कुमार ने कहा, 'मैं केवल आपको हमारी प्रतिबद्धता के बारे में बता सकता हूं। हमारी प्रतिबद्धता बहुत मजबूत है। हम उसे भारत वापस लाने का हर संभव प्रयास जारी रखेंगे।'
भंग हो चुके किंगफिशर एयरलाइंस के 63 वर्षीय प्रमुख माल्या इस महीने के शुरू में ब्रिटिश कोर्ट से राहत पाने में सफल रहा। लंदन में रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस के दो न्यायाधीशों ने उसे निचली अदालत के प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति दे दी। भारत में उसे 9000 करोड़ रुपये की जालसाजी और मनी लांड्रिंग मामले का सामना करना है।
दो जुलाई को ब्रिटिश कोर्ट ने माल्या को दी राहत
लंदन की कोर्ट में दो जुलाई को सुनवाई के दौरान न्यायाधीश जॉर्ज लेगाट और एंड्रू पोपेलवेल ने कहा कि भारत सरकार की ओर से 'क्राउन प्रॉसीक्यूशन सर्विस' (सीपीएस) द्वारा प्रथम दृष्टया पेश मामले के कुछ पहलुओं पर दलीलें यथोचित तरीके से रखी जा सकती हैं।
जिन सामग्रियों के आधार पर चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा आर्बुथनॉट ने दिसंबर 2018 के प्रत्यर्पण आदेश पर जो फैसला सुनाया था उस पर हाई कोर्ट में पूरी सुनवाई होगी। इस आदेश पर ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जाविद ने हस्ताक्षर भी किए थे। माल्या ने पहले कहा था, 'मैं अब भी चाहता हूं कि बैंक अपना पूरा पैसा ले लें, उनको जो करना है करें, मुझे शांति से रहने दें।'
टेरीजा को माल्या मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए था
ब्रिटेन-भारत व्यापार परिषद ने कहा है कि हताश भारतीयों के लिए माल्या का भारत में अदालती सुनवाई का सामना करना महत्वपूर्ण है। ब्रिटेन में पद से निवृत्त होने जा रही प्रधानमंत्री टेरीजा मे को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए था। गुरुवार को परिषद के प्रमुख ने कहा कि भारत में संवेदनशीलता को देखते हुए माल्या का प्रत्यर्पण महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली मुलाकात में टेरीजा के साथ चर्चा की थी।