Move to Jagran APP

अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर एकजुट हुए कश्मीर के सभी दल, चिदंबरम ने किया स्वागत

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 का मामला एक बार फिर तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। यहां के विभिन्न राजनीतिक दलों ने इसकी बहाली की मांग की है। चिदंबरम ने इसका स्वागत किया है।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 01:14 PM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 01:14 PM (IST)
अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर एकजुट हुए कश्मीर के सभी दल, चिदंबरम ने किया स्वागत
अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर एकजुट हुए कश्मीर के सभी दल, चिदंबरम ने किया स्वागत

नई दिल्ली, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 का मामला एक बार फिर तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। यहां के विभिन्न राजनीतिक दलों ने एक बार फिर इस राग को फिर अलापना शुरू कर दिया है। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती समेत अन्य राजनीति दलों की ओर से शनिवार को एक संयुक्त बयान जारी कर अनुच्छेद-370 और 35ए की बहाली की मांग की गई है। कांग्रेस भी इस मांग की समर्थन करती दिखाई दे रही है।

loksabha election banner

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने इस घोषणा का स्वागत किया है। चिदंबरम ने रविवार को एक ट्वीट करके कहा कि अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए एकजुट हुईं मुख्यधारा की पार्टियों की एकता और जज्बे को सलाम। मैं उनसे अपनी मांग के साथ पूरी तरह से खड़े होने की अपील करता हूं। स्वयंभू राष्ट्रवादियों की तथ्य हीन आलोचना की उपेक्षा करें जो इतिहास को नहीं पढ़ते हैं, लेकिन इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश करते हैं। भारत के संविधान में राज्यों के लिए विशेष प्रावधान और शक्ति के असममित वितरण के कई उदाहरण हैं। अगर सरकार विशेष प्रावधानों के खिलाफ है तो फिर नागा मुद्दों को कैसे सुलझाएगी?

गुपकार घोषणा पत्र ही हमारा एकमात्र राजनीतिक एजेंडा

अनुच्छेद-370 और 35ए की बहाली की मांग करने वाली पार्टियों में पीपुल्स कांफ्रेंस, माकपा और कांग्रेस शामिल है। इन पार्टियों ने कहा है कि चार अगस्त 2019 को गुपकार घोषणा पत्र ही हमारा एकमात्र राजनीतिक एजेंडा है। उसे पूरा करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। बता दें कि चार अगस्त 2019 को  गुपकार घोषणा पत्र जारी किया गया था। इसमें कहा गया कि अगर जम्मू-कश्मीर के विशेष संवैधानिक दर्जे के साथ केंद्र कोई छेड़खानी करता है तो सभी राजनीतिक दल मिलकर राज्य की विशिष्ट संवैधानिक, क्षेत्रीय और मजहबी पहचान के संरक्षण का प्रयास करते हुए जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता को सुनिश्चित बनाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.