ट्रकों के पहिये जाम, मंडी में नहीं पहुंच रहे सब्जी-फल; बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की देशव्यापी हड़ताल का आज दूसरा दिन है। मंडी में समय से नहीं पहुंच रही सब्जियां और फल। बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल।
नई दिल्ली (जेएनएन)। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की देशव्यापी हड़ताल का आज दूसरा दिन है। ट्रकों के पहिये जाम हो जाने कारण करोड़ों के कारोबार पर असर पड़ा है, तो वहीं आम जनता को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। मंडियों में सब्जियां, फल आदि नहीं पहुंच रहे हैं, तो डेयरियों में दूध की कमी की समस्या भी हो रही है। इस बीच ट्रैक्सी के न चलने से यात्री दिक्कत झेल रहे हैं।
20 जुलाई से हड़ताल पर
बता दें कि डीजलों की दरों में कमी, इंश्योरेंस पॉलिसी व अन्य मांगों को लेकर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने 20 जुलाई (शुक्रवार) से पूरे देश में बेमियादी ट्रक हड़ताल की घोषणा की है। उसका कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर उचित कदम नहीं उठाए जाते, उनका चक्का जाम जारी रहेगा। हालांकि इसका असर राजधानी दिल्ली में उतना नजर नहीं आ रहा है, लेकिन मुंबई के लोगों की दिक्कतें और बढ़ गई हैं।
मुंबई : बारिश और हड़ताल से परेशान लोग
मुंबई के एक स्थानीय निवासी बताया, 'हमें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों को वक्त पर स्कूल भेजना भी मुश्किल है। यहां बारिश भी हो रही है, जिस कारण सड़कों और स्टेशनों पर जलभराव हो रखा है। अब हमें एक भी ट्रैक्सी तक नहीं मिल रही है।'
उत्तराखंड : छह लाख ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर
केंद्र सरकार की नई परिवहन नीतियों के विरोध में शुक्रवार को ट्रांसपोर्टरों की देशव्यापी हड़ताल में उत्तराखंड में करीब छह लाख व्यावसायिक वाहनों के पहिए थमे रहे। इस दौरान करीब 100 करोड़ का काम प्रभावित होने का दावा ट्रांसपोर्टर कर रहे। ट्रकों की हड़ताल बेमियादी चलेगी, जबकि प्राइवेट बसों, टैक्सी, मैक्सी, विक्रम, ऑटो आदि यात्री वाहनों के ट्रांसपोर्टरों ने एक दिवसीय समर्थन देकर संचालन ठप रखा। हड़ताल के चलते हजारों यात्रियों को परेशानी हुई। स्कूली वाहन न चलने से बच्चों को पैदल या निजी वाहनों से स्कूल जाना पड़ा। इस दौरान ई-रिक्शा संचालकों ने जमकर चांदी काटी और मनमाना किराया वसूला।
यूपी : 50 हजार ट्रांसपोर्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
आठ सूत्री मांग को लेकर देशव्यापी ट्रांसपोर्ट्स की आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल का बड़ा प्रभाव उत्तर प्रदेश पर भी पड़ रहा है। जिससे जरूरत की चीजें जगह पर नहीं पहुंच पा रही हैं। फिलहाल खाद्य पदार्थ, डीजल, पेट्रोल, गैस सिलेंडर, दूध, चीनी तथा जीवन रक्षक दवा की गाड़ियों को रोका नहीं गया। कुछ दिनों बाद इसे भी रोक दिया जाएगा। ऑल इंडिया कंफेडरेशन ऑफ गुड्स ऑपरेटर्स एसोसिएशन व ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के आह्वान पर उत्तर प्रदेश के भी 50 हजार ट्रांसपोर्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। यूपी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से मिलकर अपनी बात रखेंगे। अकेले लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर डिपो ट्रांसपोर्ट नगर से पांच सौ ट्रक में से किसी भी प्रकार की आपूर्ति नहीं हो पाई है। माल की लोडिंग व अनलोडिंग बंद है। होलसेल मार्केट में माल को भेजा जाना भी बंद कर दिया गया है। लखनऊ ट्रांसपोर्ट नगर से करीब 100 करोड़ का व्यवसाय प्रभावित हुआ है।
ये हैं मांगें
- देश में सभी टोल बैरियर समाप्त हो
- ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर टीडीएस समाप्त हो
- बस और पर्यटक वाहनों के लिए नेशनल परमिट जारी हो
- रोड सेफ्टी बिल में संशोधन किया जाए
- डायरेक्ट पोर्ट डिलीवरी (डीपीडी) को खत्म किया जाए
- तृतीय पक्ष बीमा प्रीमियम निर्धारण में पारदर्शिता के साथ ही जीएसटी में छूट
- डीजल की कीमतें कम हो
- राष्ट्रीय स्तर पर समान मूल्य निर्धारित हो