छत्तीसगढ़: हाथी के बिदकने के खतरे से सहमे हुए हैं अजीत जोगी
जकांछ सुप्रीमो की चिंता है कि दोनो दलों को यदि चुनाव बाद ठीक समर्थन मिला तो कहीं गठबंधन धर्म टूट न जाए।
रायपुर,जेएनएन। छत्तीसगढ़ में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) व जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) ने चुनाव पूर्व गठबंधन जरुर कर लिया है, लेकिन जकांछ प्रमुख अजीत जोगी का टेंशन अभी कम नहीं हुआ है। बसपा के ट्रेक रिकार्ड को देखते हुए उन्हें चुनाव परिणाम के बाद हाथी के बिदकने की चिंता अभी से सताने लगी है। यही वजह है कि बसपा कोटे की 35 सीटों पर भी जोगी अपनी पसंद के उम्मीदवारों को ही सेट करने की जुगत में लगे हैं।
माया के दाम पर है सत्ता के लिए गठबंधन धर्म तोड़ने का दाग
बसपा सुप्रीमो मायवती पर उत्तर प्रदेश में सत्ता के लिए गठबंधन धर्म त्याग ने का दाग लग चुका है। ऐसे में जकांछ सुप्रीमो की चिंता है कि दोनो दलों को यदि चुनाव बाद ठीक समर्थन मिला तो कहीं गठबंधन धर्म टूट न जाए। सूत्रों की माने तो जकांछ प्रमुख इसी सोच के तहत सहयोगी दल के कोटे वाली सीटों से भी अपनी पसंद के उम्मीदवारों को सेट करने में जुटे हैं। यदि जोगी ऐसा करने में सफल होते हैं तो चुनाव बाद रिमोट उन्हीं के पास रहेगा। हालांकि अभी तो दोनों ही दल पूरी निष्ठा से एक दूसरे के साथ खड़े होने का दावा कर रहे हैं।
कांग्रेस हो सकती है बसपा की पसंद
विधानसभा चुनाव के बाद यदि किसी दल को स्पष्ट जनादेश नहीं मिलता है और पोस्ट पोल गठबंधन की आवश्यकता होती है तो निश्चित तौर पर बसपा व कांग्रेस एक दूसरे की पसंद होंगे। लोक सभा चुनाव के लिए बन रहे समीकरणों के बीच भले विपक्ष अलग-अलग चुनाव लड़ने की बात कह रहा हो पर भाजपा के विरुद्ध सभी एक साथ खड़े होने के सवाल पर लगभग सहमत भी हो चुके हैं।