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अब राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी खत्म करने की कावायद, जयपुर पहुंचे वेणुगोपाल और माकन, आज विधायकों के साथ बैठक

पंजाब इकाई का विवाद सुलझाने के बाद कांग्रेस अब राजस्थान में जारी टकराव को थामने की कोशिशों में जुट गई है। इसी कवायद के तहत कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन शनिवार रात को जयपुर पहुंचे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 11:31 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 08:00 AM (IST)
अब राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी खत्म करने की कावायद, जयपुर पहुंचे वेणुगोपाल और माकन, आज विधायकों के साथ बैठक
पंजाब इकाई का विवाद सुलझाने के बाद कांग्रेस अब राजस्थान में टकराव को थामने की कोशिशों में जुट गई है।

नई दिल्‍ली, एजेंसियां/जेएनएन। पंजाब इकाई का विवाद सुलझाने के बाद कांग्रेस अब राजस्थान में जारी टकराव को थामने की कोशिशों में जुट गई है। इसी कवायद के तहत कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन शनिवार रात को जयपुर पहुंचे। सूत्रों की मानें तो अगले हफ्ते गहलोत मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है। यही नहीं बड़ी संख्‍या में राजनीतिक नियुक्तियां शुरू हो सकती हैं। सूत्रों ने बताया कि इन्‍हीं मसलों पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का संदेश लेकर वेणुगोपाल और माकन जयपुर पहुंचे हैं।

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प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक दोनों नेताओं ने मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर लंबी चर्चा की। सूत्रों की मानें तो रविवार को सुबह एक बार फिर तीनों नेताओं की बैठक होगी जिसमें उन विधायकों के नामों पर चर्चा होगी जिन्हे सत्ता में मंत्री के तौर पर भागीदारी दी जानी है। सनद रहे कि वेणुगोपाल और माकन इससे पहले पायलट के साथ दिल्ली में बैठक कर चुके हैं।

रविवार को विधायकों और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों की भी बैठक बुलाई गई है। बैठक में केसी वेणुगोपाल और अजय माकन भी मौजूद रहेंगे। सूत्रों का कहना है कि पंजाब में अंदरूनी कलह को थामने के बाद अब सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी का पूरा फोकस राजस्थान पर है। आलाकमान हर हाल में राजस्थान में चल रही खींचतान का समाधान जल्‍द से जल्‍द करना चाहता है।

दरअसल पिछले साल सचिन पायलट के खेमे की बागवत को थामने के लिए प्रियंका गांधी ने पहल की थी। सूत्र बताते हैं कि तब पायलट समर्थकों को सत्ता और संगठन में महत्व देने का वादा किया गया था। वादा पूरा करने को लेकर पायलट लगातार आलाकमान पर दबाव बना रहे थे। अब सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों में पायलट समर्थकों को स्थान देने को तैयार हो गए हैं। 

हालांकि मंत्रियों की संख्या को लेकर अभी खींचतान है। 200 सदस्यीय विधानसभा में 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। मौजूदा वक्‍त में सीएम के अतिरिक्त 20 मंत्री है। इस लिहाज से देखें तो नौ नए मंत्री बनाए जा सकते हैं। गहलोत सचिन पायलट खेमे के दो या तीन से ज्यादा विधायकों को मंत्री बनाने के मूड में नहीं हैं। वेणुगोपाल और माकन इसी मसले पर सहमति बनाने में जुटे हैं। सूत्रों के अनुसार जिन वरिष्ठ विधायकों को मंत्रिमंडल के स्थान नहीं मिल सकेगा उन्हें दूसरी जिम्‍मेदारियां देकर खुश किया जा सकता है।


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