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Delhi Air Pollution: जावड़ेकर बोले- छात्रों से चिट्टी लिखवाकर प्रदूषण पर राजनीति कर रहे केजरीवाल

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 06:51 PM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 06:51 PM (IST)
Delhi Air Pollution: जावड़ेकर बोले- छात्रों से चिट्टी लिखवाकर प्रदूषण पर राजनीति कर रहे केजरीवाल
Delhi Air Pollution: जावड़ेकर बोले- छात्रों से चिट्टी लिखवाकर प्रदूषण पर राजनीति कर रहे केजरीवाल

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे का 'राजनीतिकरण' करने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने स्कूली छात्रों से पराली जलाने के कारण हो रहे प्रदूषण को लेकर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखने के लिए कहा है।

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जावड़ेकर ने कहा, 'मेरा मानना है कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री प्रदूषण के मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं और कोई समाधान निकालने के बजाय आरोप-प्रत्यारोप में लिप्त हैं। वह हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को खलनायक के रूप में पेश करने के वास्ते उन्हें पत्र भेजने के लिए बच्चों को भड़का रहे हैं।'

उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण एक ऐसी समस्या है जो पिछले 15 वर्षों में बिगड़ी है और अब नरेंद्र मोदी सरकार इसका निवारण कर रही है। जावड़ेकर ने कहा, 'मुझे किसी पर आरोप लगाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। दिल्ली सरकार को विज्ञापनों पर 1,500 करोड़ रुपये खर्च करने के बजाय प्रदूषण से निपटने और मशीनों को हासिल करने के लिए पंजाब और हरियाणा के किसानों को ये धनराशि देनी चाहिए थी। आरोप-प्रत्यारोप लगाने से प्रदूषण नहीं घटेगा, बल्कि सही दिशा में प्रयास करने होंगे।'

वहीं, आम आदमी पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रदूषण रोकथाम की दिशा में केंद्र सरकार सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि केंद्र सरकार ने अदालत में बताया है कि पूरे 2 साल में सिर्फ 63000 मशीन दी गयी हैं, जबकि कुल किसानों की संख्या लगभग 26 लाख है। यह सिर्फ खानापूर्ति है। इस गति के साथ यह 50-60 साल का कार्यक्रम लगता है। अगर ऐसा है तो दिल्ली-एनसीआर के लोगों को अगले 50-60 साल के लिए क्या करना चाहिए। उन्‍होंने तंज कसते हुए कहा कि प्रकाश जावड़ेकर ने उत्तर भारतीय राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की तीन बैठकें स्थगित कर दी हैं, जो निर्धारित थीं और फिर कभी आयोजित नहीं की गईं। इसका यही अर्थ निकाला जा सकता है कि या तो उनके पास समय नहीं है या प्रदूषण की समस्या उसकी प्राथमिकता नहीं है।


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