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वायु शक्ति-2019: वायु सेना ने सरहद पर मिसाइलें दागकर पाक को कराया ताकत का एहसास

सरहदी क्षेत्र में हुए इस युद्धाभ्यास वायु शक्ति 2019 में आतंकी गतिविधियों को रोकने और आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने के तरीकों की एक बानंगी भी देखने को मिली।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 10:07 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 07:38 AM (IST)
वायु शक्ति-2019: वायु सेना ने सरहद पर मिसाइलें दागकर पाक को कराया ताकत का एहसास
वायु शक्ति-2019: वायु सेना ने सरहद पर मिसाइलें दागकर पाक को कराया ताकत का एहसास

संवाद सूत्र, जोधपुर। पुलवामा आतंकी हमले के बाद देश में व्याप्त आक्रोश के बीच वायु सेना ने राजस्थान में सरहद पर मिसाइलें दागकर अपनी ताकत परखी। युद्धाभ्यास वायु शक्ति-2019 के पहले दिन जैसलमेर जिले के पोकरण क्षेत्र के चांद फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय वायु सेना ने अपना पराक्रम दिखाया। इस दौरान दुश्मनों के छद्म ठिकानों पर बमबारी कर अपने युद्ध कौशल का परिचय भी दिया।

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वायु शक्ति-2019: पोकरण क्षेत्र के चांद फील्ड फायरिंग रेंज में युद्धाभ्यास

युद्धाभ्यास के दौरान वायु सेना ने 137 लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टर के साथ रियल टाइम टारगेट कर कई धमाके किए। युद्धाभ्यास में आकाश शस्त्र मिसाइलों के साथ जीपीएस और लेजर गाइडेड बम रॉकेट लॉन्चर का भी सटीक इस्तेमाल किया गया। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ सहित अन्य सैन्य अधिकारी और कई मित्र देशों के प्रतिनिधि भी इसके गवाह बने।

इस तरह दिखाया युद्ध कौैशल

विश्व की श्रेष्ठतम वायु सेना में शुमार भारतीय वायु सेना ने चांधन फायरिंग रेंज में दिन रात और सायकाल के समय में अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया। इस दौरान वायु सेना ने अपनी मारक क्षमता को दिखाया। इस युद्धाभ्यास में करीब 137 युद्धक विमान शामिल हुए हैं। इनमें सुखोई 30, एमकेआइ, मिराज 2000 , जगुआर, मिग 27 ,मिग-21, तेजस, हॉक, वीएस और एएलएच एम के चार विमान प्रमुख रहे । इसके अलावा एयर डिफेंस सिस्टम काउंटर, सरफेस कोर्सेज, ऑपरेशन सर्च और रेस्क्यू का भी जीवंत प्रदर्शन किया गया।

तीन साल में होता है युद्धाभ्यास

सरहदी क्षेत्र में हुए इस युद्धाभ्यास वायु शक्ति 2019 में जहां भारत की वायु सेना की ताकत का एक नमूना देखने को तो मिला वही आतंकी गतिविधियों को रोकने और आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने के तरीकों की एक बानंगी भी देखने को मिली। वायु सेना प्रत्येक तीसरे वर्ष सैन्य युद्धाभ्यास के तहत अपनी शक्ति का प्रदर्शन करती है। इसको लेकर खुफिया एजेंसियां भी सतर्क रहती हैं। इससे पहले भारतीय वायु सेना ने आयरन फिस्ट में भी अपना युद्ध कौशल दिखाया था। इसके भी कई मित्र राष्ट्र के प्रतिनिधि गवाह बने थे।


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