कांग्रेस में इस्तीफों का दौर जारी, AICC सचिव और किसान अध्यक्ष ने भी छोड़ा अपना पद
पार्टी में बदलाव का रास्ता बनाने के लिए नेताओं की शुरू की गई इस्तीफों की पहल के बीच कांग्रेस ने एक बार फिर दोहराया कि पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ही बने रहने चाहिए।
नई दिल्ली, एएनआइ। हाल में आए लोकसभा चुनाव(Loksabha Election 2019) के नतीजों ने कांग्रेस के खेमे में भूचाल ला दिया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खुद अपने पद से इस्तीफे देने की बात कह चुके है। वहीं, हार की जिम्मेदारी लेने से कतरा रहे वरिष्ठ पार्टी नेताओं के रुख पर राहुल के बयान के बाद पार्टी में इस्तीफों की बौछार शुरू हो गई। पार्टी महासचिव दीपक बाबरिया समेत एआईसीसी के साथ राज्यों के करीब 150 कांग्रेस नेताओं ने शुक्रवार को अपना इस्तीफा भेज दिया। इसी बीच शनिवार को AICC सचिव और राजस्थान के सह-प्रभारी तरुण कुमार ने भी राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेजा है।
AICC Secretary and Rajasthan Co-Incharge Tarun Kumar submits his resignation from the post, to Congress President Rahul Gandhi, pic.twitter.com/CmE4rKGrBG
— ANI (@ANI) June 29, 2019
इधर, किसान कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
AICC Secretary and Rajasthan Co-Incharge Tarun Kumar submits his resignation from the post, to Congress President Rahul Gandhi, pic.twitter.com/CmE4rKGrBG
— ANI (@ANI) June 29, 2019
राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश के बाद पार्टी नेता उनसे पद नहीं छोड़ने और आमूल-चूल बदलाव करने का आग्रह करते रहे थे मगर संगठन का अपना पद छोड़ने से हिचक रहे थे। मगर हरियाणा प्रदेश के नेताओं के साथ गुरूवार को हुई बैठक में राहुल ने दिग्गजों के हार की जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ने के लिए आगे नहीं आने की बात उठा कांग्रेस में अंदरूनी खलबली मचा दी है।
इसी के बाद मध्यप्रदेश के प्रभारी कांग्रेस महासचिव दीपक बाबरिया ने यह कहते हुए इस्तीफे की पेशकश कर दी कि हार के लिए अकेले राहुल गांधी जिम्मेदार नहीं है बल्कि सभी इसके लिए जवाबदेह हैं। राहुल के बाद बाबरिया पार्टी के संगठन का पद छोड़ने की पेशकश करने वाले सबसे बड़े पदाधिकारी हैं और उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष का करीबी भी माना जाता है।
बाबरिया से पहले कांग्रेस की कई राज्य इकाईयों के अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्षों, पार्टी के राष्ट्रीय सचिवों के अलावा युवा और महिला इकाई के करीब 150 पदाधिकारियों ने शुक्रवार को सामूहिक तौर पर अपने इस्तीफे पार्टी अध्यक्ष को भेज दिया।
इन सभी नेताओं के अनुसार लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की जिम्मेदारी सबकी है। इसलिए वे इस्तीफा दे रहे हैं ताकि संगठन में आमूल-चूल बदलाव को पार्टी नेतृत्व अमलीजामा पहना सके। पार्टी की दूसरी पंक्ति के नेताओं की इस पहल ने साफ तौर दशकों से कांग्रेस की रीति-नीति संचालित करने वाले वरिष्ठ दिग्गजों पर पद छोड़ने का दबाव बना दिया है।