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सिटीजनशिप बिल पर असम गण परिषद ने भाजपा से समर्थन लिया वापस

सिटीजनशिप संशोधन विधेयक पर असम गण परिषद ने राज्य में BJP से समर्थन वापस ले लिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 07:29 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jan 2019 07:29 PM (IST)
सिटीजनशिप बिल पर असम गण परिषद ने भाजपा से समर्थन लिया वापस
सिटीजनशिप बिल पर असम गण परिषद ने भाजपा से समर्थन लिया वापस

 गुवाहाटी, प्रेट्र। सिटीजनशिप संशोधन विधेयक पर असम गण परिषद (अगप) ने राज्य में सत्ताधारी भाजपा से अपना समर्थन वापस ले लिया है। अगप के अध्यक्ष और मंत्री अतुल बोरा ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है। पूरे पूर्वोत्तर में लोगों और संगठनों ने इस विधेयक का विरोध किया है। पूर्वोत्तर के छात्र संगठनों ने क्षेत्र में मंगलवार को विधेयक के विरोध में बंद रखने का फैसला लिया है।

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अगप के एक प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। बोरा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने जोर दिया कि सरकार मंगलवार को लोकसभा से विधेयक को पारित कराएगी।

नई दिल्ली में गृह मंत्री से मुलाकात के बाद बोरा ने कहा, 'हमने केंद्र को विधेयक पारित नहीं कराने के लिए समझाने का अंतिम प्रयास किया है। लेकिन सिंह ने स्पष्ट रूप से हमसे कहा कि लोकसभा से मंगलवार को यह पारित हो जाएगा। इसके बाद गठबंधन में बने रहने का कोई औचित्य नहीं रह जाता।'

अगप नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंत ने यहां बयान दिया था कि यदि लोकसभा से सिटीजनशिप (संशोधन) विधेयक 2016 पारित हुआ तो पार्टी राज्य में सरकार से समर्थन वापस ले लेगी।

 क्या है विधेयक में
सिटीजनशिप अधिनियम 1955 में संशोधन के लिए लाया गया विधेयक अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई जैसे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारत में 12 साल की जगह छह वर्षो तक निवास करने के बाद नागरिकता देने का प्रस्ताव किया गया है। उचित दस्तावेज नहीं होने पर भी उन्हें नागरिकता दी जाएगी।

विरोध में उतरे पूर्वोत्तर के छात्र संगठन
इस बीच मिजो जिर्लाई पवाल, अखिल अरुणाचल प्रदेश छात्र संघ, नगा स्टूडेंट फेडरेशन और अखिल असम छात्र संघ ने उत्तर पूर्व छात्र संगठन की ओर से आयोजित 11 घंटे के बंद का समर्थन करने की घोषणा की है। छात्र संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया बयान की निंदा भी की है।

 असम में हिंदू हो जाएंगे अल्पसंख्यक : हिमंत
एक दिन पहले जिन्ना की विरासत वाले अपने विवादास्पद बयान के बाद असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने सोमवार को कहा कि यदि सिटीजनशिप विधेयक पारित नहीं हुआ तो राज्य में हिंदू पांच साल के भीतर अल्पसंख्यक हो जाएंगे।

 मंत्री के बयान के विरोध में प्रदर्शन शुरू
राज्य के वित्त मंत्री शर्मा के बयान के बाद असम के कई हिस्सों में प्रदर्शन शुरू हो गए। यह प्रदर्शन मंत्री के रविवार के बयान के विरोध में हुए हैं। उन्होंने कहा था कि सिटीजनशिप विधेयक पारित नहीं हुआ तो हम जिन्ना की नीति के सामने घुटने टेक देंगे।


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