मतदान के बाद आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर भाजपा-कांग्रेस में घमासान
भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि गुजरात की आसन्न हार को देखते हुए कांग्रेस बचाव के लिए अनर्गल आरोप लगा रही है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गुजरात में मतदान खत्म होने के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर घमासान शुरू हो गया है। प्रचार समाप्त होने के बाद साक्षात्कार को लेकर राहुल गांधी को नोटिस से नाराज कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर पीएम और पीएमओ के हाथ की कठपुतली बनकर काम करने का आरोप लगाया है। वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि गुजरात की आसन्न हार को देखते हुए कांग्रेस बचाव के लिए अनर्गल आरोप लगा रही है।
गुजरात के प्रभारी कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत और मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने दोपहर में कांफ्रेंस कर आयोग पर संवैधानिक जिम्मेदारी नहीं निभाने का आरोप लगाया। गहलोत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के साथ गुजरात चुनाव का ऐलान नहीं कर भाजपा और पीएम को चुनावी सौगातों की घोषणा करने से शुरू हुई आयोग की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई मतदान के अंतिम दिन तक जारी है। गहलोत ने कहा कि इससे साफ है कि भाजपा येन-केन प्रकारेण चुनाव जीतने के लिए संवैधानिक लोकतांत्रिक मर्यादा की धज्जियां उड़ा रही। जबकि चुनाव आयोग पीएम-पीएमओ के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं करता।
रणदीप सुरजेवाला ने तो और तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आयोग जिस तरह आंखों पर पट्टी बांध भाजपा की कठपुतली बना है वह शर्मसार करने वाला है। उन्होंने कहा कि आयोग अपनी संवैधानिक जिम्मेवारियों से किनारा कर भाजपा के फ्रंटल संगठन की तरह काम कर रहा है। इसीलिए आयोग को पीएम का वोटिंग के बाद घंटे भर का रोड शो और चैनलों पर प्रसारण उसे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं दिखता। उनके मताबिक आयोग आंख बंद कर काम कर रहा है कि उसे भाजपा-पीएम के उल्लंघन के मामले दिखते ही नहीं।
पहले चरण के वोटिंग के दिन पीएम के उस क्षेत्र के लिए वोट मांगने, भाजपा घोषणा पत्र जारी करने, दो केंद्रीय मंत्रियों तथा अमित शाह की अहमदाबाद एयरपोर्ट पर पत्रकार वार्ता के उल्लंघन जैसी कांग्रेस की शिकायतों पर कार्रवाई नहीं करने जाहिर करता है कि आयोग ने आंखों पर पट्टी बांध ली है। सुरजेवाला ने मुख्य चुनाव आयुक्त जोति पर प्रहार करते हुए कहा कि वे मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके प्रधान सचिव थे और सीइसी के रुप में भी वे पीएम के पीएस की भूमिका निभा रहे हैं। कांग्रेस नेता के मुताबिक आयोग का यह पक्षपाती रवैया शर्मसार करने वाला है और उसका सरकार की कठपुतली बन जाना प्रजातंत्र के लिए खतरनाक है।
वहीं भाजपा की ओर से निर्मला सीतारमण, रवि शंकर प्रसाद और मुख्तार अब्बास नकवी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मिलकर प्रधानमंत्री के खिलाफ कांग्रेस के आरोपों को खारिज करने की अपील की। वैसे प्रतिनिधिमंडल ने औपचारिक रूप से मीडिया के सामने कुछ नहीं कहा, लेकिन पार्टी प्रवक्ता जीवीएल नरसिंहा राव ने कांग्रेस के चुनाव आयोग पर हमले को वंशवाद की राजनीति का परिणाम बताया है। उनके अनुसार कांग्रेस इसीलिए आवेग में प्रतिक्रिया दे रही है, क्योंकि चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है।