Article 370 को हटाने के बाद अब भाजपा करने जा रही है यह बड़ा काम
370 जनसंपर्क अभियान और 35 बड़ी जनजागरण सभाओं का सांकेतिक अभियान पूरे सितंबर महीने चलेगा।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। संसद के भीतर करारी हार के बाद भी अनुच्छेद 370 को वापस लेने के फैसले पर सरकार को गलत ठहराने की कोशिश में जुटे विपक्ष को भाजपा अब जनता के बीच बेनकाब करेगी। राहुल गांधी के विपक्षी नेताओं के साथ कश्मीर जाने और एयरपोर्ट से वापस भेजे जाने को घाटी के हालात से जोड़ने की कोशिश के दो दिन बाद ही भाजपा ने इस मुद्दे पर पूरे देश में जनजागरण और जनसंपर्क का ऐलान किया है।
370 जनसंपर्क अभियान और 35 बड़ी जनजागरण सभाओं का सांकेतिक अभियान पूरे सितंबर महीने चलेगा। भाजपा ने दो केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में दो टीम का गठन कर दिया है।
अभियान की जानकारी देते हुए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि भाजपा के सभी कार्यकर्ता कई पीढि़यों से आग्रह करते आए कि अनुच्छेद 370 देश के लिए उचित नहीं है और राष्ट्रीय एकता के खिलाफ है। यही देश की भी सोच है।
मोदी सरकार ने इसे सरकार बनने के दो महीने के अंदर खत्म करने का हौसला दिखाया है। सबसे बड़ी बात यह है कि कई विपक्षी दलों ने इसमें सरकार का साथ दिया। इसी कारण भाजपा ने देश की जनता को अनुच्छेद 370 और उसके हटाने की परिस्थितियों से अवगत कराने का फैसला किया है।
जनसंपर्क अभियान की जिम्मेदारी धर्मेंद्र प्रधान को सौंपी गई है। इसके तहत राज्य, जिला और विधानसभा तीनों स्तरों पर प्रमुख व्यक्तियों की सूची बनाकर उनसे संपर्क कर अनुच्छेद 370 को हटाने की जरूरत के बारे में बताया जाएगा। उन्हें यह भी बताया जाएगा कि किस तरह यह कश्मीर की जनता के हित में नहीं था और विकास में बड़ी बाधा बना हुआ था।
जनता को इस बारे में जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जाएगा। वहीं जन जागरण अभियान सभी राज्यों की राजधानियों में बड़े नेताओं की जनसभाओं के साथ-साथ विश्वविद्यालयों व अन्य अहम स्थानों पर सम्मेलन का आयोजित किया जाएगा।
वहीं इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर विधान परिषद के चेयरमैन हाजी इनायत अली समेत कारगिल व लेह-लद्दाख के कई नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया। कारगिल क्षेत्र से आने वाले हाजी इनायत अली ने अनुच्छेद 370 खत्म करने और लेह-लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि कारगिल में कुछ लोगों ने इसका विरोध कर गलत संदेश देने की कोशिश की थी, लेकिन सच्चाई यही है कि कारगिल की जनता सरकार के इस फैसले से खुश है।