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मालेगांव ब्लास्ट : गवाह के मुकरने पर आरएसएस नेता बोले- माफी मांगे मनमोहन, सोनिया समेत अन्य कांग्रेस नेता

2008 के मालेगांव विस्फोट कांड के एक गवाह के मुकरने के बाद अब आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ने यूपीए शासन के दौरान तथाकथित भगवा आतंक के झूठे मामलों में फंसाने के लिए एक गंदी राजनीतिक साजिश रची थी।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 28 Dec 2021 08:18 PM (IST)Updated: Tue, 28 Dec 2021 08:18 PM (IST)
मालेगांव ब्लास्ट : गवाह के मुकरने पर आरएसएस नेता बोले- माफी मांगे मनमोहन, सोनिया समेत अन्य कांग्रेस नेता
आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार। (फाइल फोटो)

नई दिल्ली,पीटीआइ। 2008 के मालेगांव विस्फोट कांड के एक गवाह के मुकरने के बाद अब आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ने यूपीए शासन के दौरान तथाकथित भगवा आतंक के झूठे मामलों में फंसाने के लिए एक गंदी राजनीतिक साजिश रची थी। उन्होंने भाजपा और आरएसएस नेताओं के चरित्र की हत्या के लिए कांग्रेस नेताओं- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी, पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, दिग्विजय सिंह और सलमान खुर्शीद से माफी मांगने की मांग की।

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बता दें कि गवाह ने विशेष एनआईए कोर्ट में खुलासा किया कि महाराष्ट्र एटीएस द्वारा उस पर वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पांच नेताओं को फंसाने का दबाव डाला गया था। मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह तब एटीएस के अतिरिक्त आयुक्त थे। इंद्रेश कुमार ने कहा कि गवाह के बयान ने साबित कर दिया है कि उस समय भगवा आतंकवाद के सभी मामले (दर्ज किए गए) कांग्रेस द्वारा अपनी गंदी राजनीति के हिस्से के रूप में रची गई साजिश थी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेता ने एक आडियो संदेश में अब विपक्ष में बैठे अन्य राजनीतिक दलों और उनके नेताओं की भी आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने भी 'एक बड़ा पाप और अपराध' किया है क्योंकि वे  तथाकथित भगवा आतंकी मामलों में भाजपा और आरएसएस के नेताओं को झूठ में फंसाने में कांग्रेस और उसकी गठबंधन सरकार की 'गंदी राजनीति और साजिश' के साथ खड़े थे।

अपने बयान में गवाह ने दावा किया कि एटीएस ने उसे प्रताड़ित किया और उसे अपने कार्यालय में अवैध रूप से बैठाया। इस मामले में अब तक 220 गवाहों से पूछताछ हो चुकी है और उनमें से 15 मुकर गए हैं। कुमार ने दावा किया कि तत्कालीन संप्रग सरकार ने तथाकथित भगवा आतंकी मामलों में भाजपा और आरएसएस के नेताओं को घसीटने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन किसी भी प्राथमिकी में हमारे नाम सूचीबद्ध नहीं कर सके क्योंकि उनके पास कोई सबूत नहीं था। 


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