Tripura New CM: त्रिपुरा में भाजपा ने बदला मुख्यमंत्री, बिप्लब की जगह लेंगे माणिक साहा; आज राजभवन में लेंगे शपथ
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि माणिक साहा को त्रिपुरा भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने की बहुत-बहुत बधाई। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और आपके नेतृत्व में त्रिपुरा विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।
अगरतला, एजेंसी। त्रिपुरा में अगले साल होने वाले चुनावों से पहले भाजपा ने चौंकाने वाला कदम उठाते हुए बिप्लब कुमार देब की जगह राज्यसभा सदस्य डा. माणिक साहा को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया है। साहा वर्तमान में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। बिप्लब कुमार देब ने शनिवार को ही राजभवन जाकर अपना इस्तीफा राज्यपाल एसएन आर्य को सौंप दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर हुई विधायक दल की बैठक में 69 वर्षीय डा. साहा को नेता चुना गया। रविवार की सुबह 11.30 बजे अगरतला में राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह होगा। उनसे साथ उनकी कैबिनेट के मंत्री भी शपथ लेंगे।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में बिप्लब देब ने ही डा. साहा के नाम का प्रस्ताव किया, लेकिन मंत्री राम प्रसाद पाल ने इसका विरोध किया। इसके बाद विधायकों में हाथापाई हो गई और पाल ने कुछ कुर्सियां भी तो़ड़ डालीं। पाल चाहते थे कि उपमुख्यमंत्री जिश्नु देव वर्मा अगले मुख्यमंत्री बनें जो त्रिपुरा के पूर्व राज परिवार के सदस्य हैं। विधायक दल के नेता के चुनाव में वरिष्ठ भाजपा नेता भूपेंद्र यादव और विनोद तावडे़ पर्यवेक्षक थे। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि माणिक साहा को त्रिपुरा भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने की बहुत-बहुत बधाई। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और आपके नेतृत्व में त्रिपुरा विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा। राज्य का अगला मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद डा. साहा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'मैं पार्टी का सामान्य कार्यकर्ता था और वही रहूंगा।'
#WATCH | Former Tripura CM Biplab Kumar Deb felicitated Manik Saha, who will be the new Chief Minister of the state pic.twitter.com/yI2NXKyciQ— ANI (@ANI) May 14, 2022
शाह और नड्डा से मिले थे बिप्लब
इससे पहले बिप्लब देब ने गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इस्तीफा देने के बाद संगठन की जिम्मेदारियां देने के पार्टी के फैसले के बारे बताते हुए उन्होंने कहा, 'पार्टी सबसे ऊपर है। मैं भाजपा का निष्ठावान कार्यकर्ता हूं। मुझे उम्मीद है कि मैंने उन जिम्मेदारियों के साथ न्याय किया है जो मुझे दी गई थीं- चाहे वह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में हो या फिर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में।
मैंने त्रिपुरा के समग्र विकास और राज्य के लोगों के लिए शांति सुनिश्चित करने के लिए काम किया है। 2023 का चुनाव आ रहा है और पार्टी यहां के मामलों का काम संभालने के लिए जिम्मेदार संगठनकर्ता चाहती है। क्योंकि सरकार तभी बन सकती है जब संगठन मजबूत हो।' 25 साल के वाम मोर्चे के शासन को समाप्त करने के बाद 2018 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद बिप्लब कुमार देब को मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था। बीजेपी की प्रदेश इकाई में अंदरूनी कलह की खबरें आ रही थीं।
याद दिला दें कि साल के आखिर में गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव से करीब सालभर पहले भाजपा ने इसी तरह पिछले साल विजय रूपाणी को हटाकर भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बना दिया था।
नए डेवलपमेंट पर तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि बिप्लब कुमार देब का कार्यकाल त्रिपुरा में विपक्षी कार्यकर्ताओं पर हमलों और लोकतंत्र की हत्या द्वारा चिह्नित किया गया था। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने चुटकी लेते हुए कहा कि देब का इस्तीफा त्रिपुरा में भाजपा के अंत की शुरुआत है।