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गुवाहाटी में ही होगी मोदी और आबे की बैठक, गृह मंत्रालय ने जगह में बदलाव की आशंकाओं को किया खारिज

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हिंसा और उपद्रव को रोकने के लिए असम सरकार को पर्याप्त केंद्रीय बल की सहायता दे दी गई है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 08:39 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 10:08 PM (IST)
गुवाहाटी में ही होगी मोदी और आबे की बैठक, गृह मंत्रालय ने जगह में बदलाव की आशंकाओं को किया खारिज
गुवाहाटी में ही होगी मोदी और आबे की बैठक, गृह मंत्रालय ने जगह में बदलाव की आशंकाओं को किया खारिज

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। असम में नागरिकता कानून में संशोधन के विरोध में हो रही हिंसा के बावजूद भारत व जापान के बीच होने वाली सालाना शीर्षस्तरीय बैठक गुवाहाटी में ही होगी। गृह मंत्रालय ने बैठक की जगह में बदलाव की आशंका को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी और जापान के पीएम शिंजो आबे के बीच होने वाली बैठक को लेकर दोनों देशों के अधिकारी संपर्क में है।

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गृह मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार बैठक की जगह में बदलाव की कोई जरूरत नहीं है और असम की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हिंसा और उपद्रव को रोकने के लिए असम सरकार को पर्याप्त केंद्रीय बल की सहायता दे दी गई है।

15 से 17 दिसंबर को होनी है बैठक

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एक-दो दिन में असम के हालात सामान्य हो जाएंगे। उनके अनुसार नागरिकता कानून में संशोधन के खिलाफ अफवाह फैलाकर लोगों को भड़काया जा रहा है। इन अफवाहों की काट और आम लोगों को सही तथ्यों से अवगत कराने के लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं। दरअसल मोदी और आबे के बीच सालाना बैठक 15 से 17 दिसंबर, 2019 के बीच गुवाहाटी में होनी है।

चीन को मजबूत संकेत देने के लिए गुवाहटी का चयन

गुवाहाटी में इस बैठक को आयोजित करके दोनों देशों का एक कूटनीतिक संदेश है। माना जा रहा है कि पड़ोसी देश चीन को एक मजबूत संकेत देने के लिए भारत और जापान के बीच गुवाहाटी का चयन किया गया है। हाल के वर्षो में भारत और जापान के बीच रिश्ते बहुत तेजी से प्रगाढ़ हुए हैं। इसके पीछे एक वजह यह भी है कि पिछले साढ़े पांच वर्षो से मोदी और शिंजो सरकार चला रहे हैं। इस साल की सालाना बैठक को रणनीतिक लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कई समझौतों पर हस्ताक्षर करने की तैयारी है।


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