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स्वच्छ सर्वेक्षण 2019: खुले में शौच से मुक्त होंगे गंगा किनारे के 97 शहर

केंद्रीय मंत्री Hardeep Singh Puri ने बताया कि गंगा से लगे 97 कस्बे मार्च, 2019 तक खुले में शौच से पूर्णत: मुक्त हो जाएंगे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 09:23 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 09:23 PM (IST)
स्वच्छ सर्वेक्षण 2019: खुले में शौच से मुक्त होंगे गंगा किनारे के 97 शहर
स्वच्छ सर्वेक्षण 2019: खुले में शौच से मुक्त होंगे गंगा किनारे के 97 शहर

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि गंगा से लगे 97 कस्बे मार्च, 2019 तक खुले में शौच के अभिशाप से पूर्णत: मुक्त हो जाएंगे।

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आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 'स्वच्छ सर्वेक्षण 2019' के तहत गंगा किनारे के इन 97 शहरों को विशेष श्रेणी में पुरस्कार देने की भी घोषणा की है। उन्होंने बताया कि गंगा नदी वाले सभी शहरों को युद्धस्तर पर वैज्ञानिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लागू करने का निर्देश दिया गया है।

गंगा किनारे के शहरों में ठोस अपशिष्ट पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए आवास और शहरी मामलों के मंत्री ने कहा कि अब तक गंगा किनारे बसे 44 शहरों को 'खुले में शौच' से मुक्त घोषित कर दिया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि मार्च 2019 तक गंगा नदी वाले सभी शहरों को 'खुले में शौच मुक्त' (ओडीएफ) का दर्जा दे दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत गंगा को स्वच्छ करने के अभियान को सर्वोच्च वरीयता दे रही है। इसके चलते ही आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के जरिए गंगा किनारे वाले सभी शहरों को ओडीएफ दर्जा देने के लिए तत्पर है।

यह कार्यक्रम स्वच्छ भारत अभियान और अटल मिशन फार रीजुविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफारमेशन (अमृत) के तहत भी प्रभावशाली तरीके से लागू किया जा रहा है। पुरी ने कहा कि इन शहरों की वास्तविक स्थिति जानने और उसका मूल्यांकन करने के लिए थर्ड पार्टी एजेंसी के तौर पर क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआइ) को नियुक्त किया गया है।


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