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PM उज्‍जवला योजना के 86% लाभार्थी दूसरा सिलेंडर खरीदने के लिए आ रहे हैं वापस- धर्मेंद्र प्रधान

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि PM उज्‍जवला योजना के तहत लगभग 86 प्रतिशत लाभार्थी दूसरा सिलेंडर खरीदने के लिए वापस आ रहे हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 03:13 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 03:32 PM (IST)
PM उज्‍जवला योजना के 86% लाभार्थी दूसरा सिलेंडर खरीदने के लिए आ रहे हैं वापस- धर्मेंद्र प्रधान
PM उज्‍जवला योजना के 86% लाभार्थी दूसरा सिलेंडर खरीदने के लिए आ रहे हैं वापस- धर्मेंद्र प्रधान

नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री उज्‍जवला गैस योजना (पीएमयूवाई) जिसके तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को मुफ्त में एलपीजी कनेक्‍शन दिया जाता है। मोदी सरकार की इस योजना के लगभग 86 प्रतिशत लाभार्थी दूसरा सिलेंडर खरीदने के लिए वापस आ रहे हैं। यह बात खुद मोदी सरकार में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोक सभा में कही है।

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लोकसभा में प्रश्‍न काल के दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'पिछले पांच साल के दौरान, तेल मार्केटिंग कंपनियों ने ग्राहकों को एलपीजी की आसान उपलब्‍धता के लिए 9000 से अधिक एलजीपी वितरकों की नियुक्ति की है। तेल विपणन कंपनियों के मुताबिक प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के एक साल पुराने लगभग 86 प्रतिशत लाभार्थियों ने दूसरा सिलेंडर खरीदा है। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के लाभार्थियों को लागू सब्सिडी पहल योजना के तहत सीधे उनके बैंक खाते में जमा की गई है।'

मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के लाभार्थियों को एलपीजी सिलेंडर का उपयोग करने के लिए प्रोत्‍साहित करने के लिए तेल विपणन कंपनियों ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें जरूरत के मुताबिक 14.2 किग्रा सिलेंडर के बदले 5 किग्रा सिलेंडर बदलने की सुविधा, एलपीजी उपयोग और इसके सुरक्षित इस्‍तेमाल के बारे में लाभार्थियों को शिक्षित करने के लिए प्रधान मंत्री एलपीजी पंचायत का आयोजन शामिल है।

देश में 7.34 करोड़ मुफ्त LPG कनेक्शन
धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि 8 जुलाई, 2019 तक तेल मार्केटिंग कंपनियों ने पूरे देश में 7.34 करोड़ एलपीजी कनेक्‍शन जारी किए हैं। उन्‍होंने कहा कि प्रधान मंत्री उज्‍जवला योजना के लाभार्थी द्वारा एलपीजी को अपनाना और स्‍थायी तौर पर इसका उपयोग करना व्‍यावहारिक परिवर्तन और कई अन्‍य कारकों पर निर्भर है, जिसमें खाने की आदत, भोजन पकाने की आदत, एलपीजी की कीमत, मुफ्त में लकड़ी की उपलब्‍धता, गोबर के कंडे आदि शामिल हैं। मंत्री ने बताया कि एक अध्‍ययन के मुताबिक प्रधान मंत्री उज्‍जवला योजना के लागे होने के बाद देश में छाती में रक्‍त संचयन की बीमारी के मामलों में 20 प्रतिशत कमी आई है।

'योजना के बाद महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार'
उज्जवला योजना के कारण महिलाओं में सांस संबंधी बीमारियों में 20 प्रतिशत रह गई हैं। उज्जवला योजना ने महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक मिसाल कायम की है। यह पर्यावरण के साथ-साथ महिलाओं के स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति को भी प्रभावित करता है। इंडियन चेस्ट सोसाइटी और इंडियन चेस्ट रिसर्च फाउंडेशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उज्जवला योजना के कारण, महिलाओं में सांस संबंधी बीमारियां घटकर 20 प्रतिशत हो गई हैं। धर्मेंद्र प्रधान प्रने कहा कि यह योजना का सबसे संतोषजनक हिस्सा था।


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