Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सत्ता के बाद उद्धव के हाथ से फिसला ठाणे नगर निगम, शिंदे कैंप में शामिल हुए 66 पार्षद
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। ठाणे नगर निगम के 66 पार्षद शिंदे कैंप में शामिल हो गए हैं। सभी पार्षदों ने बुधवार रात सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी।
ठाणे, पीटीआइ। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को झटके पर झटके लग रहे हैं। महाराष्ट्र की सत्ता से हाथ थोने के बाद उद्धव ठाकरे को शिंदे गुट से बड़ा झटका लगा है। ठाणे नगर निगम (Thane Municipal Corporation) के 67 में से 66 पार्षद शिंदे कैंप में शामिल हो गए हैं। इस तरह से उद्धव के हाथ से अब ठाणे नगर निगम भी चला गया है। अब इस पर शिंदे कैंप का कब्जा हो गया है।
शिंदे के कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि महापौर नरेश म्हास्के के नेतृत्व में शिवसेना के 66 पार्षदों ने बुधवार रात मुंबई में अपने 'नंदनवन' बंगले में सीएम शिंदे से मुलाकात की और उन्हें समर्थन दिया।
शिवसेना से बगावत कर सीएम बने एकनाथ शिंदे
बीते महीने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के कई विधायकों ने पार्टी से बगावत कर दी थी। बागी विधायक मुंबई से गुजरात के सूरत गए और फिर असम के गुवाहाटी के एक होटल में ठहरे। विधायकों की बगावत के चलते महा विकास अघाड़ी की सरकार गिर गई और तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद 30 जून को एकनाथ शिंदे ने नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली, जबकि देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया गया। एकनाथ शिंदे खेमे को अभी 50 विधायकों का समर्थन हासिल है। इसमें कुछ निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं।
केंद्रीय अर्थमंत्री @nsitharaman यांच्या अध्यक्षतेखाली #औद्योगिक कॉरिडॉर प्रकल्पाच्या अपेक्स ॲथॉरिटीच्या पहिल्या बैठकीस मुख्यमंत्री @mieknathshinde हे दूरदृश्य प्रणालीद्वारे सहभागी झाले. मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव, अतिरिक्त मुख्य सचिव बलदेव सिंह तसेच संबंधित अधिकारी उपस्थित. pic.twitter.com/WRGEeRIkF4
— MAHARASHTRA DGIPR (@MahaDGIPR) July 7, 2022
शिवसेना में बगावत से दुखी उद्धव ठाकरे
पार्टी में बगावत से शिवसेना अध्यक्ष काफी दुखी हैं। हाल ही में उद्धव ने कहा था कि जिन्हें पार्टी में सबकुछ मिला उन्होंने ही साथ छोड़ दिया और जिन्हें कुछ नहीं, वो अब भी साथ हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी से विधायकों का बागी रुख तकलीफदेह है, लेकिन वे हार नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि शिवसेना को दोबारा मजबूत पार्टी बनाएंगे।