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Ayushman Bharat Scheme: इस साल हुआ 65 लाख मरीजों का इलाज, खर्च हुए 9,549 करोड़

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत कुल 1013.76 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 07:09 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 07:09 PM (IST)
Ayushman Bharat Scheme: इस साल हुआ 65 लाख मरीजों का इलाज, खर्च हुए 9,549 करोड़
Ayushman Bharat Scheme: इस साल हुआ 65 लाख मरीजों का इलाज, खर्च हुए 9,549 करोड़

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत इस साल पांच दिसंबर तक 65 लाख से ज्यादा मरीजों का इलाज किया गया। इनके इलाज पर 9,549 करोड़ रुपये का खर्च आया।

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केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने मंगलवार को राज्यसभा में उक्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन 65,45,733 मरीजों में से 35,34,695 मरीजों का इलाज निजी अस्पतालों में किया गया और उनके इलाज पर 6,133 करोड़ रुपये खर्च हुए। एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय मंत्री ने इलाज की कीमतों को लेकर सरकार और निजी अस्पतालों के बीच किसी तरह की खींचतान से इन्कार किया। बता दें कि एबी-पीएमजेएवाई के तहत 1,392 स्वास्थ्य पैकेज हैं और उनकी दरें पूर्व निर्धारित हैं। इनके अलावा एक सर्जिकल पैकेज भी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने कहा, 'स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत केंद्र और राज्य का प्रीमियम के प्रति योगदान का अनुपात पूर्वोत्तर और हिमालयी क्षेत्र को छोड़कर सभी राज्यों में 60:40 है। जबकि पूर्वोत्तर और हिमालयी क्षेत्र में यह अनुपात 90:10 है। केंद्र शासित प्रदेशों के मामले में, प्रीमियम का केंद्रीय योगदान विधायिका के बिना संघ शासित प्रदेशों के लिए 100 प्रतिशत और विधायिका के साथ संघ शासित प्रदेशों के लिए 60 प्रतिशत है। केंद्र सरकार का प्रीमियम का योगदान सरकार द्वारा समय-समय पर तय की जाने वाली दर के अधीन है।

2019-20 के लिए 1013.76 करोड़ रुपये जारी

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत कुल 1013.76 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जबकि पिछले वर्ष के लिए यह राशि 1849.55 करोड़ रुपये है।

2022 तक 1.2 लाख सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की नियुक्ति

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत 2022 तक देश में 1.5 लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों (एचडब्लूसी) की स्थापना की जानी है। लिहाजा 2022 तक उप-स्वास्थ्य केंद्र (एसएचसी) स्तरीय एचडब्लूसी पर 1.2 लाख सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।


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