ईवीएम के 50 फीसदी मतों का वीवीपैट मशीनों की पर्ची से मिलान संभव नहीं
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा कि वीवीपैट के बिना भी ईवीएम विश्वसनीय है।
हैदराबाद, प्रेट्र। लोकसभा चुनाव परिणामों की घोषणा से पहले ईवीएम के 50 फीसदी मतों का वीवीपैट मशीनों की पर्ची से मिलान कराना संभव नहीं है। मंगलवार को इस बात के संकेत पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिए। बता दें कि सोमवार को 23 राजनीतिक दलों के नेता चुनाव आयुक्त से मिले थे और अंतिम परिणाम घोषित करने से पहले इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों के 50 फीसदी मतों को वीवीपैट (वोटर वेरीफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल्स) से मिलान कराने की मांग की थी।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा कि वीवीपैट के बिना भी ईवीएम विश्वसनीय है। उन्होंने कहा,'मुझे लगता है कि चुनाव आयोग ने इस बात के संकेत पहले ही दे दिए थे कि रातोंरात यह व्यवस्था लागू नहीं की जा सकती है। आयोग ने सुनिश्चित किया है कि जैसे-जैसे उसे वीवीपैट मिलती जाएंगी वह वेरिफेशन का दायरा बढ़ाता जाएगा। मैं यह बिल्कुल नहीं कह रहा हूं कि विपक्षी दलों की मांग अनावश्यक या अवांछनीय है लेकिन इस नई व्यवस्था के लिए चुनाव आयोग को कुछ समय देना होगा।'
कुछ अन्य कारणों के चलते ईवीएम को बनाया जा रहा है निशाना
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में 50 फीसद वोटों का तो मिलान नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह संख्या 25 फीसद या संवेदनशील मतदान केंद्रों में ईवीएम और वीवीपैट मतों का मिलान करने की प्रक्रिया अपनाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि ईवीएम के काम करने को लेकर उसकी आलोचना नहीं हो रही है बल्कि कुछ अन्य कारणों के चलते उसे निशाना बनाया जा रहा है। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं मेरा उनसे कहना है कि ईवीएम पर अविश्वास करने का जवाब वीवीपैट नहीं है। मेरी उन लोगों से गुजारिश है कि वह सिस्टम में विश्वास करें।