दिल्ली के लिए निकल पड़े हैं ग्वालियर से 25 हजार सत्याग्रही, कहा- सरकार का रुख स्पष्ट नहीं
पैदल ही निकले सत्याग्रहियों के नारे भूमि के लिए लड़ेंगे और जीतेंगे के उद्घोष में जोश के साथ आत्मविश्वास भी था।
ग्वालियर [नईदुनिया]। मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित मेला ग्राउंड में दो दिनों से डेरा डाले देशभर से आए 25 हजार सत्याग्रहियों ने गुरुवार को दिल्ली कूच कर दिया है। पैदल ही निकले सत्याग्रहियों के नारे 'भूमि के लिए लड़ेंगे और जीतेंगे' के उद्घोष में जोश के साथ आत्मविश्वास भी था।
भाजपा से नाराज चल रहे पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सत्याग्रहियों को एकता परिषद का ध्वज दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर सिन्हा ने कहा कि जनशक्ति के आगे सरकार को झुकना पड़ेगा। आज नहीं तो कल इन्हें भूमि का अधिकार देना पड़ेगा।
सरकार का रख स्पष्ट नहीं, पर अब भी उम्मीद
एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पीवी ने सड़क पर उतरने से पहले कहा कि पिछले 10 वर्षो से पांच मांगों के लिए संघर्ष किया जा रहा है। केंद्र सरकार समझौते के लिए आगे तो बढ़ी है, लेकिन अभी उसका रख स्पष्ट नहीं है, इसलिए दिल्ली रवाना होने के लिए मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने उम्मीद जताई है कि सरकार समग्र भूमि व कृषि नीति पर रख स्पष्ट कर भूमिहीनों को जमीन का अधिकार और महिलाओं को किसान का दर्जा देने के लिए राजी हो जाएगी। सरकार से अलग-अलग माध्यमों से संवाद जारी है।
पहला पड़ाव बानमोर में
सत्याग्रहियों ने पहले दिन 16 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर ग्वालियर-मुरैना जिले की सीमा पर पहला पड़ाव निरावली (बानमोर) के पास डाला है। निरावली पहुंचने के बाद सत्याग्रहियों ने भोजन की तैयारी की। सत्याग्रही एक समय उपवास रखकर शाम को ही भोजन कर रहे हैं।
राहुल, सिंधिया और कमलनाथ आएंगे
छह अक्टूबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया व मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ मुरैना में सत्याग्रहियों के बीच पहुंचकर एकता परिषद की पांचों मांगों पर अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट करेंगे।