गोवा में सियासी उठापटक: देर रात MGP विधायकों ने बदला पाला, भाजपा में किया पार्टी का विलय
गोवा में चल रही सियासी उठा-पटक के दौरान मंगलवार की देर रात एमपीजी के दो विधायकों नेे भाजपा की सदस्यता ले ली है।
पणजी, प्रेट्र/आइएएनएस। गोवा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के घटक दल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के तीन में दो विधायक पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं। जबकि तीसरे विधायक और उपमुख्यमंत्री सुदिन धवलीकर को कैबिनेट से बाहर कर दिया गया है। राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि दोनों विधायक सरकार को स्थायित्व देने के लिए भाजपा में शामिल हुए हैं।एमजीपी के दो विधायकों मनोहर अजगांवकर और दीपक पावस्कर ने मंगलवार-बुधवार रात करीब 1.45 बजे कार्यवाहक स्वीकर माइकल लोबो को पत्र सौंपकर एमजीपी की विधायी शाखा के भाजपा में विलय की घोषणा की। पार्टी के तीसरे विधायक और उपमुख्यमंत्री सुदिन धवलीकर ने पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए।
चूंकि पार्टी के तीन में दो विधायक (दो तिहाई) अलग हुए हैं इसलिए उन पर दल-बदल विरोधी कानून लागू नहीं होगा। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने पत्रकारों को बताया कि दो एमजीपी विधायकों के शामिल होने से भाजपा विधायकों की संख्या 14 हो गई है। मनोहर अजगांवकर राज्य सरकार में पर्यटन मंत्री हैं। माना जा रहा है कि सुदिन धवलीकर की जगह अब दीपक पावस्कर को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। सुदिन धवलीकर के पास परिवहन और लोक निर्माण विभाग थे।
एमजीपी में महसूस कर रहे थे असुरक्षित
विलय के बाद अजगांवकर ने कहा कि हाल ही में एमजीपी अध्यक्ष दीपक धवलीकर द्वारा वरिष्ठ महासचिव लाबू ममलतदार को बर्खास्त किए जाने के बाद से वह असुरक्षित महसूस कर रहे थे। ममलतदार को इसलिए बर्खास्त कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने पिछले हफ्ते स्पीकर को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि उनके हस्ताक्षर के बिना एमजीपी के किसी भी पत्राचार पर संज्ञान न लिया जाए। पावस्कर ने कहा, 'विधायक के रूप में पिछले दो साल से मुझे कभी भी केंद्रीय समिति की बैठकों में आमंत्रित नहीं किया गया। दोनों धवलीकर बंधुओं (सुदिन और दीपक) ने हमें कभी विश्वास में नहीं लिया।' उन्होंने बताया कि भाजपा में शामिल होने के बारे में उन्होंने दिवंगत मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर से भी चर्चा की थी।
सुदिन धवलीकर बोले, चौकीदार ने डाली डकैती
दो विधायकों के पार्टी छोड़ने पर सुदिन धवलीकर ने कहा कि यह चौकीदार द्वारा डाली गई डकैती है। एमजीपी लोगों का संगठन है और उसे ऐसे कदमों द्वारा खत्म नहीं किया जा सकता।
'कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की साजिश थी'
इस घटनाक्रम से घंटों पहले एमजीपी अध्यक्ष दीपक धवलीकर ने साजिश का हवाला देते हुए प्रमोद सावंत सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दी थी। दूसरी तरफ, अजगांवकर ने दावा किया, 'सरकार गिराने के प्रयास किए जा रहे थे। वे (एमजीपी) कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते थे। मैं सरकार गिराने की साजिश में शामिल नहीं होना चाहता था।'
भाजपा सहयोगियों के लिए खतरा : कांग्रेस
गोवा कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुनील कॉथंकर ने कहा, 'भाजपा ने साबित कर दिया है कि वह अपने सभी सहयोगियों के लिए खतरा है।'
ऐसी घटनाएं सहयोगी दलों में संदेह पैदा करेंगी : जीएफपी
गोवा सरकार में एक अन्य घटक दल गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री विजय सरदेसाई ने कहा, 'अगर यह (सहयोगी दलों में तोड़फोड़) जारी रहा तो हम सहानुभूति खो देंगे और यह घटक दलों के बीच संदेह भी पैदा करेगा। भविष्य में ऐसी घटनाओं से लोगों की बीच साख में कमी आएगी।'
अपने प्रत्याशी उतारेगी एमजीपी
दो विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद एमजीपी अध्यक्ष दीपक धवलीकर ने कहा कि पार्टी राज्य की दोनों लोकसभा सीटों और विधानसभा की तीन सीटों पर होने वाले उपचुनाव में प्रत्याशी उतारने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि अगले दो दिनों में उम्मीदवारों के नामों पर फैसला हो जाएगा। ऐसा हुआ तो भाजपा के लिए लड़ाई मुश्किल हो जाएगी क्योंकि एमजीपी का भी हिंदुओं में अच्छा आधार है।
विधानसभा में दलीय स्थिति
कुल संख्या :- 40
रिक्त सीटें :- 04
भाजपा :- 14
जीएफपी :- 03
निर्दलीय :- 03
कांग्रेस :- 14
एमजीपी :- 01
एनसीपी :- 01