Move to Jagran APP

मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 15 भ्रष्ट टैक्स अधिकारियों की नौकरी से छुट्टी की

मोदी सरकार ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए सीबीआइसी (CBIC) में कमिश्नर रैंक के 15 बड़े अधिकारियों की छुट्टी कर दी है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 18 Jun 2019 03:24 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jun 2019 03:24 PM (IST)
मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 15 भ्रष्ट टैक्स अधिकारियों की नौकरी से छुट्टी की
मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 15 भ्रष्ट टैक्स अधिकारियों की नौकरी से छुट्टी की

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली।एक सप्ताह पहले दर्जनभर आयकर अधिकारियों की छुट्टी करने के बाद सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क के 15 आला अफसरों को जबरन रिटायर कर दिया है। इन अधिकारियों में असिस्टेंट कमिश्नर से लेकर प्रिंसिपल कमिश्नर तक के अधिकारी शामिल हैं।

loksabha election banner

वित्त मंत्रालय के अनुसार, सरकार ने फंडामेंटल रूल्स के नियम 56 (जे) के तहत कार्रवाई करते हुए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) के अधिकारियों को नौकरी से निकाला है। इनमें से कुछ अधिकारी पहले से ही निलंबित थे। इनमें से कुछ अधिकारियों के खिलाफ सीबीआइ ने भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए हुए हैं जबकि कई अन्य पर रिश्वत, वसूली और आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति जमा करने के आरोप हैं। जिन अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है उनमें दिल्ली में तैनात सीबीआइसी के प्रिंसिपल एडीजी (आडिट) अनूप श्रीवास्तव, संयुक्त आयुक्त नलिन कुमार और कोलकाता के कमिश्नर संसार चंद भी शामिल हैं।

सूत्रों ने कहा कि सीबीआइ ने अनूप के खिलाफ 1996 में आपराधिक षडयंत्र का मामला दर्ज किया था। उन पर एक ऐसे आवास निर्माण सोसाइटी का पक्ष लेने का आरोप है जो नियमों का उल्लंघन करते हुए जमीन खरीदने के लिए एनओसी प्राप्त करने की कोशिश कर रही थी। इसके अलावा सीबीआइ ने 2012 में भी उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किया था जिसमें उन पर एक आयातक से ड्यूटी चोरी करने के मामले में रिश्वत लेने का आरोप है। उन पर मनमाने ढंग से गिरफ्तारी, उत्पीड़न और वसूली करने का भी आरोप है।

इसी तरह संयुक्त आयुक्त नलिन कुमार के खिलाफ भी सीबीआइ ने मामला दर्ज कर रखा है। उन पर भी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने और फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। मंत्रालय का कहना है कि इन अधिकारियों की आयु 50 साल हो गई है, इसलिए जनहित में उन्हें तत्काल प्रभाव से जबरन रिटायर किया गया है। सभी 15 अधिकारियों को नियम 56 (जे) के तहत रिटायर किया गया है।कोलकाता में तैनात कमिश्नर संसार चंद भी कथित तौर पर रिश्वतखोरी में लिप्त था।

चेन्नई में तैनात कमिश्नर जी. श्री हर्षा ने आय के ज्ञात स्रोतों से 2.24 करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति जमा कर रखी थी। सीबीआइ ने जाल बिछाकर इन दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। कमिश्नर रैंक के दो अन्य अधिकारी- अतुल दीक्षित और विनय बृज सिंह जो अब तक निलंबित चल रहे थे, उन्हें सरकार ने नौकरी से निकाल दिया है। दीक्षित के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला है जबकि सिंह के खिलाफ ओवर इन्वॉयसिंग का डीआरआइ का मामला चल रहा है।

दिल्ली में तैनात जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर अमरेश जैन के पास आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक 1.55 करोड़ रुपये की संपत्ति है। उनके खिलाफ 95.24 लाख रुपये की कैश रिकवरी का भी मामला है। इसके अलावा कोलकाता में डीजी सिस्टम के रूप में तैनात अतिरिक्त कमिश्नर अशोक महीदा और अतिरिक्त कमिश्नर वीरेंद्र अग्रवाल को भी जबरन रिटायर किया गया है। साथ ही असिस्टेंट कमिश्नर एसएस पबाना, एसएस बिष्ट, विनोद सांगा, राजू शेखर, मोहम्मद अल्ताफ और डिप्टी कमिश्नर अशोक अस्वाल को भी जबरन रिटायर किया गया है।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.