छत्तीसगढ़ के बदलापुर पर सदन में बवाल, 15 विपक्षी सदस्य निलंबित
भाजपा विधायक बदलापुर की सरकार नहीं चलेगी, लाठी गोली की सरकार नहीं चलेगी जैसे नारे लगाकर विरोध जता रहे थे।
रायपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को विपक्षी विधायकों ने सरकार पर बदलापुर की राजनीति का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल किया। सदन में पूरे दिन विपक्ष ने कार्यकर्ताओं को धमकाने, झूठे मामलों में फंसाने और लोकतंत्र की हत्या के आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। प्रश्नकाल के बाद से शुरू हुई नारेबाजी भोजन अवकाश के बाद भी जारी रही। दोपहर तीन बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तब भाजपा के 12 और जकांछ के तीन विधायक गर्भगृह में पहुंच गये और नारेबाजी शुरू कर दी।
भाजपा विधायक बदलापुर की सरकार नहीं चलेगी, लाठी गोली की सरकार नहीं चलेगी जैसे नारे लगाकर विरोध जता रहे थे। विपक्षी विधायक जिस समय नारेबाजी कर रहे थे, उस समय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सदन में मौजूद थे। शून्यकाल के दौरान स्थगन प्रस्ताव पर सदन का काम रोककर चर्चा कराने की मांग विपक्षी दलों ने की। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ने विपक्ष के दोनों स्थगन प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया। इसको लेकर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। जबाव में सत्ता पक्ष के विधायक भी नारेबाजी करने लगे।
हंगामे के बीच सदन की कर्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, उसके बाद भी विपक्ष नारेबाजी करता रहा। सभापति सत्यनारायण शर्मा ने सदन की कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद भाजपा और जकांछ विधायक वेल में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। सभापति ने मान्य परंपराओं का हवाला देकर सदन से बाहर जाने का आग्रह किया, उसके बाद भी नारेबाजी चलती रही। करीब 45 मिनट नारेबाजी के बाद भाजपा विधायक सदन से बाहर चले गये और गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ गए। बाद में संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे से चर्चा के बाद भाजपा विधायकों ने धरना खत्म किया।