मणिपुर: पुलिस पर भीड़ का हमला, 10 जख्मी
हाल ही में पास हुए मणिपुर जन सुरक्षा विधेयक को गलत करार देने वाले प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला कर दिया था।
इंफाल (प्रेट्र)। मणिपुर के जिरीबाम जिले में पुलिस पर भीड़ ने हमला कर दिया, जिसमें पुलिस के चार जवान समेत 10 लोग घायल हो गए।
पुलिस के अनुसार, शुक्रवार को जिले के लालपानी में 6 प्रदर्शनकारी भी घायल हो गए थे। पुलिस ने बताया कि हाल ही में राज्य विधानसभा द्वारा पारित मणिपुर जन सुरक्षा विधेयक के विरोध में अनेकों प्रदर्शनकारी धरने पर बैठने की कोशिश कर रहे थे।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'जिले में सुबह से सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के कारण पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को धरने पर बैठने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेने को कहा।' इस पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोलों और रबड़ की गोलियों का इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया कि झड़प के दौरान एक पुलिस अधीक्षक और एक महिला कर्मी सहित चार पुलिसकर्मी मामूली रूप से घायल हो गए। इस दौरान चार प्रदर्शनकारी भी जख्मी हो गए। इसके बाद सामान्य स्थिति और कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए राज्य पुलिस के कमांडो और इंडियन रिजर्व बटालियन के कर्मियों को घटनास्थल पर भेजा गया।
ज्वाइंट एक्शन कमिटी (जेएसी) ने बुधवार को इस विधेयक के खिलाफ रैली निकाली थी। जेएसी प्रवक्ता मोहम्मद अली ने इस विधेयक की निंदा करते हुए ‘असंवैधानिक’ करार दिया था। उन्होंने विधेयक की निंदा की और दावा किया कि इससे संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा। विधेयक ने राज्य में बाहरी लोगों के प्रवेश और निकास को नियंत्रित करने की मांग है। विधेयक के अनुसार, जो राज्य के मेटीस (Meiteis), पांगल मुस्लिम और एसटी नहीं है वे गैर मणिपुरी हैं। असम की सीमा से सटे जिरीबाम के जरिए बड़ी संख्या में बांग्लादेशी और रोहिंग्या राज्य में प्रवेश करते हैं।