Move to Jagran APP

क्‍या शी चिनफ‍िंग के हाथों में रहेगी 'ड्रैगन' की डोर, क्‍यों हो रही है माओ से तुलना, कैसे होता है चीनी राष्‍ट्रपति का चुनाव

ऐसे में यह जिज्ञासा पैदा होती है कि आखिर चीन के राष्‍ट्रपति का क्‍या चुनाव होता है। क्‍यों वह इतना ताकतवर होता है ? क्‍या चिनफ‍िंग तीसरी बार देश के राष्‍ट्रपति बन सकते हैं ? आइए जानते हैं चीन के राष्‍ट्रपति चुनाव की क्‍या प्रक्रिया है ?

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 09 Nov 2021 12:17 PM (IST)Updated: Thu, 11 Nov 2021 09:54 AM (IST)
क्‍या शी चिनफ‍िंग के हाथों में रहेगी 'ड्रैगन' की डोर, क्‍यों हो रही है माओ से तुलना, कैसे होता है चीनी राष्‍ट्रपति का चुनाव
क्‍या शी चिनफ‍िंग के हाथों को होगी ड्रैगन की डोर, क्‍यों हो रही है माओ से तुलना।

नई दिल्‍ली, रमेश मिश्र। चीन में सत्‍ताधारी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की कांग्रेस की बैठक पर दुनिया की नजरें टिकी हैं। आखिर इस बैठक में ऐसा क्‍या खास होने वाला है। दरअसल, इस बैठक में चीन का अगला राष्‍ट्रपति कौन होगा यह सुनिश्चित होगा। ऐसे में यह जिज्ञासा पैदा होती है कि आखिर चीन के राष्‍ट्रपति का क्‍या चुनाव होता है। कैसे बनता है चीन का राष्‍ट्रपति ? क्‍यों वह इतना ताकतवर होता है ? क्‍या चिनफ‍िंग तीसरी बार देश के राष्‍ट्रपति बन सकते हैं ? आइए जानते हैं चीन के राष्‍ट्रपति चुनाव की क्‍या प्रक्रिया है ? चिनफ‍िंग पहली बार राष्‍ट्रपति कब बने ? वह देश में इतने लोकप्रिय क्‍यों हुए ? आखिर इस सारे मामलों में क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ प्रो. हर्ष वी पंत (आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली में निदेशक, अध्ययन और सामरिक अध्ययन कार्यक्रम के प्रमुख)।

loksabha election banner

आखिर चीनी कांग्रेस की बैठक में दुनिया की नजर क्‍यों हैं, इसमें क्‍या खास ?

दरअसल, चीन की सत्‍ताधारी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की कांग्रेस की पांच साल में होने वाली बैठक बेहद खास होती है। कांग्रेस की इस बैठक में तय किया जाता है कि कम्‍युनिस्‍ट पार्टी का नेतृत्‍व कौन करेगा। किसके हाथ में कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की कमान होगी। इस बैठक में यह तय होगा कि चीन में एक अरब 30 करोड़ लोगों पर किसका शासन होगा। वही शख्‍स दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था का संचालन करता है।

कैसे होता है राष्‍ट्रपति का चुनाव ?

1- चीन में भले ही कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की सत्‍ता हो, लेकिन बाकायदा वहां भी राष्‍ट्रपति यानी पार्टी महासचिव के लिए चुनाव होता है। दरअसल, कम्‍युनिस्‍ट पार्टी आफ चाइना सीपीसी देश भर से प्रतिनिधियों को नियुक्‍त करती है। इसके बाद बीजिंग के ग्रेट हाल में बैठक होती है। पार्टी में करीब 2,300 प्रतिनिधि हैं। सीपीसी एक सेंट्रल कमेटी का चुनाव करती है। सेंट्रल कमेटी में 200 सदस्‍य होते हैं। यही कमेटी पोलित ब्‍यूरो का चयन करती है। पोलित ब्‍यूरो स्‍थाई समिति का चयन करती है। यह दोनों क‍मेटियां ही चीन में नीतिगत निर्णय लेने वाली असली निकाय है। चीन के पोलित ब्‍यूरो में अभी 24 सदस्‍य हैं, जबकि स्‍टैंडिंग समिति में सात सदस्‍य हैं। हालांकि, सदस्‍यों की संख्‍या में बदलाव होता रहता है।

2- चीन में राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए एक मतदान की प्रक्रिया को अपनाया गया है, लेकिन व्‍यवहार में वर्तमान में यह नाम पहले से ही तय होता है। सेंट्रल कमेटी पार्टी के शीर्ष नेता का भी चुनाव करती है। इसे कम्‍युनिस्‍ट पार्टी का महासचिव कहा जाता है। यह सीपीसी का महासचिव होता है। वही देश का राष्‍ट्रपति बनता है। कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की कांग्रेस में चीन के भविष्‍य के नए नेताओं को आगे किया जाता है। पार्टी के महासचिव यानी राष्‍ट्रपति के पास पांच वर्षों तक यह कमान रहती है। शी चिनफ‍िंग का इस बार भी पार्टी का महासचिव यानी राष्‍ट्रपति चुना जाना तय माना जा रहा है। वह अगले पांच वर्षों तक चीन के राष्‍ट्रपति रह सकते हैं।

कम्‍युनिस्‍ट पार्टी में चिनफ‍िंग की क्‍या स्थिति है ?

चिनफ‍िंग ने दस वर्षों में पार्टी के अंदर अपनी स्थिति को काफी मजबूत बनाया है। वर्ष 2012 में जब शी चिनफ‍िंग सत्ता में आए तब से उन्होंने अपनी ताकत में बढ़ोतरी की है। अपनी इस ताकत के चलते चिनफ‍िंग को कई टाइटलों से नवाजा जा चुका है। उन्हें कोर लीडर आफ चाइना का भी टाइटल दिया गया। इस टाइटल के जरिए वह चीन के महान नेता माओत्से तुंग जैसे शक्तिशाली नेताओं की पंक्ति में खड़े हो गए। कहा जा रहा है कि कांग्रेस में चिनफ‍िंग के सहयोगियों की संख्या काफी है। ऐसे में पार्टी चार्टर में चिनफ‍िंग की नीतियों को स्थापित करना आसान होगा।

चिनफ‍िंग की लोकप्रियता के क्‍या कारण हैं ?

1- अगर चिनफ‍िंग पार्टी के महासचिव घोषित किए जाते हैं तो यह कम्‍युनिस्‍ट पार्टी में एक नया अध्‍याय होगा। अगर ऐसा हुआ तो यह चीन में एक नया इतिहास होगा। चिनफ‍िंग तीसरी बार देश के राष्‍ट्रपति होंगे। च‍िनफ‍िंग की इस लोकप्रियता के पीछे कई कारण हैं। चिनफ‍िंग के नेतृत्‍व में चीन वैश्विक स्तर पर कई मामलों में मुखर रूप से सामने आया है। इसमें खासकर दक्षिण चीन सागर का विस्तार और वन बेल्ट वन रोड अहम हैं। च‍िनफ‍िंग की हांगकांग नीति को लेकर उन्‍होंने देश के बाहर और चीन के अंदर अपना लोहा मनवाया। चिनफ‍िंग की देश के एकीकरण की नीति को लेकर खासकर हांगकांग और ताइवान के मुद्दे पर देश में काफी समर्थन मिल रहा है। उन्‍होंने अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और मौजूदा राष्‍ट्रप‍ति जो बाइडन के नेतृत्व में अमेरिका की जो स्थिति है, उसमें चीन को खुद एक वैकल्पिक महाशक्ति के रूप में पेश किया।

2- वर्ष 2012 में च‍िनफ‍िंग राष्ट्रपति बनने के बाद से भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को प्रभावी तरीके से लागू किया। चीन में करीब 10 लाख से अधिक अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई हुई थी। हालांकि, चिनफ‍िंग के इस कदम की बड़ी निंदा की गई। चीन में कई लोग इसे विरोधियों के खिलाफ कदम के रूप में भी देखते हैं। चिनफ‍िंग के नाम से भी एक आंदोलन चला। इसके चलते वहां के मीडिया में चिनफ‍िंग की छवि भी चमकी। इन्हीं कारणों से चिनफ‍िंग को चीन में प्यार से 'शी दादा' उपनाम भी दिया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.