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साधन संपन्‍न यूरोप और अमेरिका में कोरोना संक्रमण के इतने मामले और मौतों के पीछे क्‍या है वजह

जिन देशों में बुजुर्गों की संख्‍या अधिक है वहां पर कोरोना वायरस का अधिक प्रकोप देखा जा रहा है। कोरोना का सबसे अधिक असर भी इन पर ही हो रहा है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 05:53 PM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 05:53 PM (IST)
साधन संपन्‍न यूरोप और अमेरिका में कोरोना संक्रमण के इतने मामले और मौतों के पीछे क्‍या है वजह
साधन संपन्‍न यूरोप और अमेरिका में कोरोना संक्रमण के इतने मामले और मौतों के पीछे क्‍या है वजह

नई दिल्‍ली। अमेरिका और यूरोप में जिस तेजी से कोरोना वायरस ने पांव पसारे हैं उसमें कुछ सवाल उठने स्‍वाभाविक हैं कि आखिर इनके पीछे बड़ी वजह क्‍या है। ये सच है कि इस बीमारी की दवा को अब तक खोजा नहीं जा सका है। ये भी सच है कि इसकी खोज के साथ जो दावे किए जा रहे हैं उनके मुताबिक इसकी दवा या टीका बाजार में अपने में डेढ़ वर्ष तक लग सकता है। इसके अलावा एक कड़वा सच ये भी है कि यूरोप और अमेरिका ने इसको रोकने के लिए देरी से कदम उठाए गए। इसके अलावा एक सच्‍चाई ये भी है कि सरकार द्वारा उठाए कदमों को देश की जनता द्वारा जो समर्थन मिलना चाहिए था वो नहीं मिल सका। इसकी सच्‍चाई जर्मनी में हुए 3 लाख से अधिक लोगों पर लगाया गया जुर्माना है, जिन्‍होंने क्‍वारंटाइन और लॉकडाउन के नियमों का उल्‍लंघन किया था।

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इन सभी के बीच कुछ यहां पर फैले इस कोरोना वायरस की दूसरी वजह को भी जानना बेहद जरूरी है। दरअसल, कोरोना वायरस का सबसे अधिक असर बुजुर्गों पर होता है। इसकी वजह है कि उनका इम्‍यून सिस्‍टम उतना मजबूत नहीं होता है। इसकी तस्दीक विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की वो रिपोर्ट भी करती है जिसमें बुजुर्गों को इससे सबसे अधिक खतरा बताया गया था।

वर्ल्‍ड इकोनॉमिक फोरम के मुताबिक, वर्तमान में जापान में सबसे अधिक बुजुर्ग लोग हैं, जो कुल आबादी का तीसरा हिस्‍सा हैं। ये करीब 28.2 हैं। यहां पर करीब 2.3 बिलियन लोग 70 वर्ष की उम्र में हैं। आपको ये भी बता दें कि जी 7 देशों में शामिल जापान की अर्थव्‍यवस्‍था सबसे धीमी रही है। जापान की जनसंख्‍या में 2012-2017 के बीच दस लाख की गिरावट आई है। इसकी वजह से यहां पर काम करने वाले लोगों की संख्‍या भी गिरी है,लेकिन कोरोना वायरस के मद्देनजर यदि इन आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो वहां पर वर्तमान में इस वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्‍या 3654 है। वहीं 85 लोगों की अब तक यहां पर मौत हुई है। यहां पर इस वायरस का प्रकोप अधिक न फैलने का सबसे बड़ा कारण समय पर किए गए उपाय रहे हैं।

बुजुर्गों की जनसंख्‍या के मामले में दूसरे नंबर पर इटली आता है जहां इनकी संख्‍या 22.8 फीसद है। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्‍या के मामले में इटली तीसरे नंबर पर आता है, वहीं यूरोप में दूसरे नंबर पर है। यहां पर अब तक 128948 मामले सामने आ चुके हैं और 15887 मरीजों की मौत हो चुकी है। यहां पर इस वायरस की चपेट में आने वाले ज्‍यादातर बुजुर्ग हैं। इतना ही नहीं यहां पर इस वायरस की चपेट में आकर अपनी जान गंवाने वालों में भी ज्‍यादातर बुजुर्ग हैं। यूरोपीय यूनियन के तहत आने वाला इटली में सबसे अधिक पेंशन पर खर्च करता है। ये इटली की जीडीपी का करीब 16 फीसद है।

इस वायरस की चपेट में चौथे नंबर पर आने वाला सबसे बड़ा देश जर्मनी है। यहां पर 21.1 बुजुर्ग हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्‍या यहां पर 100132 तक जा पहुंची है। इसके अलावा 1584 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। डायचे वेले के मुताबिक यहां पर वायरस की चपेट में आने वाले और जान गंवाने वालों में सबसे अधिक बुजुर्ग हैं।

आपको यहां पर बता दें कि अमेरिका में 17 फीसद जनसंख्‍या 65 वर्ष की उम्र या उससे अधिक की है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबिक, इस वायरस की चपेट में आने वालों में करीब 31 फीसद लोग 65 वर्ष या इससे अधिक उम्र के हैं। वर्तमान में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मरीज केवल अमेरिका में ही हैं। यहां पर बड़ी तेजी से इसके मामले पांव पसार रहे हैं। मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 336851 मामले यहां पर सामने आ चुके हैं। वहीं 9620 लोगों की जान इस वायरस की चपेट में आने के बाद जा चुकी है। करीब 18 हजार मरीज अच्‍छे भी हुए हैं। आंकड़ों की मानें तो कुल मामलों में से करीब 8702 मामले बेहद गंभीर हैं। अमेरिका में न्‍यूयॉर्क इससे सबसे अधिक प्रभावित है। यहां पर इस वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्‍या 123018 तक पहुंच गई है। इसके अलावा यहां पर मौतों का आंकड़ा भी पूरे देश की तुलना में काफी बड़ा है। अकेले न्‍यूयॉर्क में अब तक 4159 लोगों की जान इस वायरस के चपेट में आने के बाद जा चुकी है।

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