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यूएस की चेतावनी, मालदीव में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने पर होगी कार्रवाई

मालदीव में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिशों को लेकर अमेरिका ने चेतावनी दी है।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 11 Oct 2018 11:56 AM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2018 11:56 AM (IST)
यूएस की चेतावनी, मालदीव में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने पर होगी कार्रवाई
यूएस की चेतावनी, मालदीव में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने पर होगी कार्रवाई

वॉशिंगटन, पीटीआई। अमेरिका ने मालदीव में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने के किसी भी प्रयास को लेकर चेतावनी दी है। यूएस ने कहा कि अगर ऐसा पाया गया तो उपयुक्त कदम उठाया जाएगा। अमेरिका के शीर्ष राजनयिक ने ये चेतावनी उस वक्त दी जब वे बुधवार को मालदीव की यात्रा पर थे। उन्होंने मालदीव के नेताओं और अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की। 

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निवर्तमान राष्ट्रपति अबदुल्ला यामीन ने हार के बाद सुप्रीम कोर्ट में चुनाव के नतीजों को चुनौती दी है। यामीन की तरफ से याचिका दाखिल किए जाने के बाद अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा 'अमेरिका और हमारे सहयोगी लोकतांत्रित प्रक्रिया को कमजोर करने की किसी भी कोशिश को लेकर नजर बनाए हुए हैं। यह महत्वपूर्ण है कि मालदीव के लोगों की इच्छा का आदर किया जाए और उसका पालन किया जाए।'

उन्होंने आगे कहा कि हमने चुनाव से पहले गौर किया कि अमेरिका किसी भी व्यक्ति के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा जो लोकतंत्र को कमजोर करता है। जिससे मालदीव में कानून का शासन और एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया हो।

कोर्ट में यामीन की हार का मामला
मालदीव में पिछले माह हुए राष्ट्रपति चुनाव में अब्दुल्ला यामीन की हार का मामला कोर्ट पहुंच गया है। राष्ट्रपति यामीन की प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) ने बुधवार को चुनाव नतीजों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। पीपीएम ने यह कदम ऐसे वक्त पर उठाया है जब यामीन पर सत्ता छोड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है। विपक्ष ने चुनाव नतीजे आने के बाद यह अंदेशा जताया था कि यामीन सत्ता में बने रहने के प्रयास में हैं।

राष्ट्रपति चुनाव में यामीन को विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार इब्राहिम मुहम्मद सोलिह के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। सत्तारूढ़ पीपीएम के वकीलों ने दावा किया कि 23 सितंबर को हुए चुनाव में चुनाव आयोग ने गड़बड़ी की थी। हालांकि यह अभी साफ नहीं हो सका है कि सुप्रीम कोर्ट पीपीएम की याचिका पर विचार करने के लिए राजी हुआ है या नहीं। 


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