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जिस सेंटोसा द्वीप पर होनी है ट्रंप-किम की मुलाकात, उसका रहा है काला इतिहास

सिंगापुर के जिस सेंटोसा द्वीप पर ट्रंप और किम जोंग की मुलाकात होने वाली है, उसका इतिहास काला रहा है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Wed, 06 Jun 2018 01:21 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jun 2018 01:32 PM (IST)
जिस सेंटोसा द्वीप पर होनी है ट्रंप-किम की मुलाकात, उसका रहा है काला इतिहास
जिस सेंटोसा द्वीप पर होनी है ट्रंप-किम की मुलाकात, उसका रहा है काला इतिहास

नई दिल्ली (जेएनएन)। अगर आपके पास पैसे हैं और आप विदेश घूमने का खर्च उठा सकते हैं, तो सिंगापुर का सेंटोसा द्वीप से अच्छा ऑपशन शायद ही कोई और हो। सबसे बड़ी बात है कि सेंटोसा द्वीप भारतीयों के बीच खासा लोकप्रिय भी है और उससे भी बड़ी बात ये है कि जिस ऐतिहासिक मुलाकात पर दुनिया की निगाहें टिकीं हैं वो भी यहीं होने वाली है। बात यहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की हो रही है। आज सेंटोसा द्वीप भले ही दुनिया के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है, लेकिन इसका काला इतिहास काफी भयावह रहा है।

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सेंटोसा द्वीप का काला इतिहास
- आज जिस संटोरा द्वीप की खूबसूरती पर्यटकों को अपनी ओर खिंचती है, कल उसी संटोसा द्वीप पर जाने से लोग डरते थे।
- जब हमने सेंटोसा द्वीप के इतिहास को खंगाला तो हमें पता चला कि सेंटोसा को युद्ध बंदियों को कैद करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
- यहां 400 से ज्यादा अलायड ट्रूप्स (सहयोगी सेना) के सैनिकों को भीषण हालातों में कैदी बना कर रखा जाता था। लेकिन आज के सेंटोसा द्वीप पर्यटक स्थल है, जहां गोल्फ कोर्ट है, यूनिवर्सल स्टूडियो पार्क है।
- सिंगापुर में 1942 में जापानियों का कब्जा हो गया था। अगले कुछ सालों में यहां जापान विरोधी विचार रखने वाले हजारों लोगों को मार दिया गया। यहां तक की 18 से 50 साल की उम्र के बीच वाले चीनी लोगों को मशीन गनों के सामने खड़ा करके गोली मार दी जाती थी और उनकी लाश को समुद्र में फेंक दिया जाता था।
- सिंगापुर में रहने वाले चीनी नागरिकों और स्थानीय नागरिकों (जिन पर जापान-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का संदेह होता था) को सेंटोसा द्वीप पर ही फांसी की सजा दी जाती थी।
- द्वीप के समुद्र तट पर कई हत्याएं की गईं।

मृत्यु का द्वीप...
1972 तक सेंटोसा द्वीप को 'पुलाऊ बेलकांग मति' नाम से जाना जाता था। जिसका मतलब होता था मृत्यु का द्वीप (island of death from behind)। लेकिन बाद में सिंगापुर में सरकारी अभियान के हिस्से के रूप में इसका नाम बदलकर रिसॉर्ट द्वीप कर दिया गया था।

सेंटोसा द्वीप....प्रसिद्ध पर्टयक स्थल
इतिहास के पन्नों में दर्ज सेंटोसा की तस्वीर अब बदल चुकी है। आज जिस सेंटोसा द्वीप पर अगले हफ्ते ट्रंप और किम जोंग के बीच शिखर सम्मेलन होने वाला है, वो बहुत खूबसूरत है। हो सकता है इस खूबसूरत माहौल के बीच दोनों देश कड़वाहट को भूल नई शुरुआत के लिए हामी भरें। सेंटोसा का नाम आते ही- सुंदर समुद्र तटों, कैसीनो और एशिया के बेहतरीन गोल्फ कोर्स की तस्वीरें नजर के सामने एक-एक कर आने लगती हैं।

केवल हमारे कहने पर मत जाइये। इन तस्वीरों को देखकर आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि क्यों सेंटोसा द्वीप दुनियाभर में मशहूर है और क्यों लोग इसकी खूबसूरती के दीवाने हैं?

 

आखिर सेंटोसा द्वीप ही क्यों चुना वार्ता के लिए
- सेंटोसा पर शिखर सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय तार्किक है
- सिंगापुर के मुख्य द्वीप के दक्षिणी तट से केवल आधा किलोमीटर दूर स्थित है
- ये एकांत में स्थित है और गोपनीयता प्रदान करता है
- दोनों देशों के नेताओं के लिए सबसे सुरक्षित जगह मानी जा रही है


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