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टाइम मैग्‍जीन का स्‍पेशल कवर: होंडुरास की नन्‍ही बच्‍ची का ट्रंप कर रहे ‘वेलकम’

अमेरिका की ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ के तहत करीब 2300 बच्‍चों को उनके माता-पिता से अलग कर दिया गया जिसके कारण ट्रंप को घोर निंदा का सामना करना पड़ा।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 02:55 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 03:15 PM (IST)
टाइम मैग्‍जीन का स्‍पेशल कवर: होंडुरास की नन्‍ही बच्‍ची का  ट्रंप कर रहे ‘वेलकम’
टाइम मैग्‍जीन का स्‍पेशल कवर: होंडुरास की नन्‍ही बच्‍ची का ट्रंप कर रहे ‘वेलकम’

न्‍यूयार्क (एएनआइ)। टाइम मैग्‍जीन के नवीनतम कवर में अमेरिकी राष्‍ट्रपति के प्रवासी नीति में हुए बदलाव को दर्शाया गया है। कवर पेज पर एक बच्‍ची के साथ अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की तस्‍वीर है जो अमेरिकी प्रशासन के विवादित ‘जीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ में बदलाव को दर्शा रहा है। इस पॉलिसी के तहत अवैध रूप से देश में प्रवेश करने वाले हर वयस्क पर मुकदमा दर्ज किया जाता है और इसके कारण 2,300 नाबालिग बच्चों को उनके माता-पिता से अलग कर दिया गया है।

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‘वेलकम टू अमेरिका’
अमेरिका में अवैध तौर पर प्रवेश करने वाले माता-पिता से अलग किए जा रहे बच्‍चों की नीति में बदलाव को लेकर 2 जुलाई को आई मैग्‍जीन की नई एडिशन में एक रो रही बच्‍ची के साथ ट्रंप हैं आर इस तस्‍वीर को कैप्‍शन दिया गया है- ‘वेलकम टू अमेरिका’। इस बच्‍ची की तस्‍वीर पुलित्‍जर विजेता फोटोग्राफर जॉन मूरे द्वारा ली गई है।

बच्‍ची बनी प्रवासी नीति का प्रतीक
2 जून को एक 2 साल की बच्ची अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर रोते हुए पाई गई थी। बच्ची की यह तस्वीर दुनिया में ट्रप प्रशासन की प्रवासी नीति का प्रतीक बन गई। बच्ची होंडुरास की है। बच्ची की मां को अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर हिरासत में ले लिया गया था।

ट्विटर पर टाइम ने शेयर किया कवर
टाइम मैग्‍जीन ने अपने इस कवर पेज को सोशल मीडिया ट्विटर पर शेयर किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रवासी नीति की तीखी आलोचना के बाद बच्चों को उनके माता-पिता से अलग करने के नियम को खत्म करने वाला और अप्रैल में अलग हुए परिवारों को फिर से मिलाने की नीति वाले कार्यकारी आदेश पर बुधवार को हस्ताक्षर कर दिया।

ट्रंप ने मैक्सिको सीमा पर अवैध अप्रवासियों को लेकर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई थी। इसके तहत अमेरिका में दाखिल होने वाले अवैध अप्रवासियों पर आपराधिक मुकदमा चलाया जाएगा। कोर्ट का फैसला आने तक ऐसे लोगों को जेल में रखे जाने का प्रावधान है। अमेरिकी प्रोटोकॉल बच्चों को हिरासत में रखने की अनुमति नहीं देता, इसलिए उन्हें माता-पिता से दूर शेल्टर हाउस में रखा गया। बच्चों के शेल्टर हाउस अस्पताल, गोदाम, पुरानी इमारतों में बनाए गए हैं। कुछ तंबू में भी चलाए गए। इन बच्चों की तस्वीरों ने ट्रंप की खूब आलोचना करवाई।


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