सुषमा स्वराज ने कहा- मोदी-मैक्रों की आत्मीयता के चलते भारत-फ्रांस संबंध नए आयाम पर
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपनी पेरिस यात्रा को समाप्त करके लक्जमबर्ग की तरफ रवाना हो गईं।
पेरिस, आइएएनएस। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुअल मैक्रों के बीच की आत्मीयता की वजह से दोनों देशों के संबंध नए आयाम पर पहुंच गए हैं। दोनों देश अब रिश्तों के नए मोड़ पर खड़े हैं, जहां से आगे का दृश्य बेहद सुहाना दिखाई दे रहा है।
-दूतावास में भारतीयों से रूबरू हुईं, एक किताब का विमोचन भी किया
-रोम के बाद पेरिस पहुंची विदेश मंत्री ने की राष्ट्रपति से मुलाकात
रोम की यात्रा समाप्त करने के बाद स्वराज सोमवार को पेरिस पहुंची थीं। 24 घंटे के प्रवास के दौरान उनकी मैक्रों के साथ उनके सलाहकार व फ्रांस के विदेश मंत्री जीन युवेसले ड्राइन से भी मुलाकात हुई। फ्रांस में रह रहे भारतीय लोगों के समूह से स्वराज ने कहा कि मोदी-मैक्रों के बीच के विशेष संबंधों के चलते ही दोनों देशों के बीच कई अहम करार हुए हैं। यह आयोजन पेरिस स्थित भारतीय दूतावास में किया गया था।
स्वराज ने अपने फ्रांसीसी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय कारोबार को बढ़ाने पर चर्चा की। दोनों के बीच पिछले कई सालों से 8-9 अरब यूरो का कारोबार हो रहा है। इसे बढ़ाकर 15 अरब यूरो करने पर दोनों के बीच सहमति बनी। स्वराज ने भारतीय मूल के लोगों से कहा कि वह देश की संस्कृति व सभ्यता के दूत हैं, इसलिए हमेशा अच्छा बर्ताव करें और कानून की पालना करें। उनके व्यवहार से ही भारत की छवि बनेगी। इस मौके पर उन्होंने किताब का विमोचन किया। इसमें फ्रांस के उद्योगपतियों के लिए भारत में निवेश से जुड़ी जानकारी है। स्वराज ने इस दौरान उन भारतीयों को प्रमाण पत्र वितरित किए जिन्होंने स्वच्छता कोष में अंशदान किया था।
गुसलेन में बनेगा युद्ध स्मारक
सुषमा ने घोषणा की कि पेरिस से दो सौ किमी दूर विल्लर्स गुसलेन में भारत युद्ध स्मारक बनाएगा। यह उन भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि होगी, जो ब्रिटिश सेना की तरफ से पहले विश्व युद्ध में लड़े थे। यूरोप में यह दूसरा युद्ध स्मारक होगा। विल्लर्स गुसलेन में 29 सितंबर 2018 को घमासान लड़ाई हुई थी। ब्रिटिश-भारतीय घुड़सवार रेजीमेंट ने इसे मुक्त कराकर ही दम लिया था।
लक्जमबर्ग पहुंचीं स्वराज
मंगलवार दोपहर वह अपनी पेरिस यात्रा को समाप्त करके लक्जमबर्ग की तरफ रवाना हो गईं। वह पहली भारतीय विदेश मंत्री हैं जो इस देश की यात्रा पर आई हैं। दो दिनों के प्रवास में उनकी लक्जमबर्ग के शीर्ष नेताओं से मुलाकात होनी है। अपने दौरे के आखिर में वह बेल्जियम जाएंगी। 20 से 23 जून के बीच वह वहीं रहेंगी। यात्रा के पहले चरण में वह इटली गई थीं। रोम से वह सीधे पेरिस पहुंची थीं।