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Shinzo Abe Death: जॉन कैनेडी से महात्मा गांधी तक ये हैं विश्व के 10 बड़े नेता, जिनकी सरेआम हुई हत्या

Shinzo Abe Death शिंजो अबे से पहले भी दुनिया के कई लोकप्रिय नेता इस तरह के हमलों का शिकार हुए हैं। इनमें से कुछ तो ऐसे राष्ट्राध्यक्ष भी हैं जो जनता के बीच काफी लोकप्रिय रहे हैं। भारत में भी इस तरह की हत्याओं का लंबा इतिहास रहा है।

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 08 Jul 2022 02:16 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jul 2022 03:15 PM (IST)
Shinzo Abe Death: जॉन कैनेडी से महात्मा गांधी तक ये हैं विश्व के 10 बड़े नेता, जिनकी सरेआम हुई हत्या
Shinzo Abe Attack: भारत के तीन सर्वाधिक लोकप्रिय नेताओं ने ऐसे हमलों में जान गंवाई है। फोटो - फाइल

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Japan Ex-PM Shinzo Abe Shot) को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में गोली मारने की घटना ने दुनिया को हिला दिया है। इस घटना ने एक बार फिर वैश्विक नेताओं की सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। सार्वजनिक सभा में वैश्विक नेताओं पर जानलेवा हमले या उनकी हत्या का ये कोई पहला मामला नहीं है। जानते हैं कौन से हैं वो 10 ग्लोबल और लोकप्रिय नेता, जिनकी सरेआम हत्या की गई और क्या थी वजह।

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जॉन एफ कैनेडी (John F. Kennedy)

कैनेडी अमेरिका के 35वें और दूसरे सबसे युवा राष्ट्रपति थे, जिन्होंने वर्ष 1961 में 43 वर्ष की आयु में यूएस की सत्ता संभाली। 22 नवंबर 1963, कैनेडी को सत्ता संभाले अभी करीब दो वर्ष हुए थे कि उत्तरी टेक्सास के डलास शहर में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त वह पत्नी जैकलीन कैनेडी, टेक्सास के गवर्नर जॉन बी. कॉनली और उनकी पत्नी नेली कॉनली के साथ भारी सुरक्षा के बीच खुली कार में दौरा कर रहे थे और लोगों का अभिवादन स्वीकार रहे थे। दोपहर करीब 12:30 बजे उनका काफिला एक प्लाजा के पास पहुंचा, तभी उन पर तीन राउंड फायरिंग हुई। हमले में राष्ट्रपति को सिर और गर्दन पर दो गोलियां लगीं थीं। गवर्नर कॉनली भी इस हमले में घायल हुए थे। दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां जॉन एफ. कैनेडी का निधन हो गया। हमले के कुछ देर बाद ही सुरक्षाकर्मियों ने हार्वी ओसवाल्ड (Harvey Oswald) नाम के युवक को गिरफ्तार कर लिया था। जॉन एफ. कैनेडी, अमेरिका के सबसे लोकप्रिय राष्ट्राध्यक्षों में से एक हैं। उनकी मौत का रहस्य आज भी बरकरार है।

अब्राहम लिंकन (Abraham Lincoln)

अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का कार्यकाल 1861 से 1865 में उनके निधन तक रहा। उन्होंने अमेरिका को सबसे बड़े संकट गृहयुद्ध से बाहर निकाला और दास प्रथा खत्म की। हत्या से चार दिन पूर्व 11 अप्रैल 1865 को दिए अपने भाषण में उन्होंने कहा था, 'अब वक्त आ गया है जब अफ्रीकी-अमेरिकन को भी मताधिकारी दे दिया जाए'। इसका मतलब था कि वह नीग्रो लोगों को बराबरी का दर्जा देना चाहते थे, जो कुछ लोगों को मंजूर नहीं था। 15 अप्रैल 1865 को अब्राहम लिंकन को जब गोली मारी गई, वो वाशिंगटन के फोर्ड थियेटर में अवर अमेरिक कजिन नाटक देख रहे थे। उनकी हत्या, उस वक्त थियेटर में मौजूद एक नाट्यकर्मी जॉन वाइक्स बूथ ने सिर के पीछे गोली मार की थी। माना जाता है कि बूथ को राजनीतिक तौर पर हत्या के लिए उकसाया गया था। अमेरिकी सेना ने 10 दिन हत्यारोपी को वर्जीनिया के एक फॉर्म हाउस में मुठभेड़ में मार गिराया। घटना से दो दिन पहले लिंकन ने अमेरिकी राष्ट्रपति की हत्या और व्हाइट हाउस में मातम का सपना देखा था।

ओलोफ पाल्मे (Olof Palme)

ओलोफ पाल्मे स्वीडन की डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता था। 14 अक्टूबर 1969 से 8 अक्टूबर 1976 तक वह दो बार स्वीडन के प्रधानमंत्री बने। पीएम बनने के बाद भी वह सामान्य जीवन जीते थे। वर्ष 1985 में मरणोपरांत उन्हें जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 28 फरवरी 1986 को सेंट्रल स्टॉकहोम स्ट्रीट पर उस वक्त उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह पत्नी और बेटे के साथ सिनेमाघर से वापस लौट रहे थे। उस वक्त इनके साथ सुरक्षाकर्मी नहीं थे। सादगी पंसद पाल्मे अक्सर सुरक्षाकर्मियों के बिना बाहर निकल जाते थे। हमलावर ने एक गोली ओलोफ पाल्मे को मारी और दूसरी गोली उनकी पत्नी लिसबेथ पाल्मे (Lisbeth Palme) को मारी थी।

मार्टिन लूथर किंग (Martin Luther King)

मार्टिन लूथर किंग, अमेरिका में अश्वेतों के अधिकार की लड़ाई लड़ने वाले प्रमुख नेता रहे हैं। उन्हें अमेरिका का गांधी भी कहा जाता है। शांति के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में भी रंगभेद का मुद्दा उठाया था। 4 अप्रैल 1968 को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi)

मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें पूरी दुनिया में सम्मान से महात्मा गांधी पुकारा जाता है की हत्या 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली स्थित बिड़ला भवन में गोली मारकर की गई थी। वह प्रतिदिन यहां प्रार्थना किया करते थे। उस शाम भी वह प्रार्थना के लिए जा रहे थे, तभी नाथूराम गोडसे ने उनका पैर छूने के बाद उन्हें तीन गोली मारी थी। उस वक्त वहां काफी संख्या में लोग मौजूद थे।

इंदिरा गांधी (Indira Gandhi)

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या 31 अक्टूबर 1984 को नई दिल्ली के सफदरजंग रोड स्थित उनके सरकारी आवास पर की गई थी। सुबह करीब साढ़े नौ बजे वह अपने आवास के लॉन में निकली थीं। तभी उनके सिख अंगरक्षकों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने उन पर गोलियां बरसा दीं। उस वक्त सिखों में ऑपरेशन ब्लू स्टार और इस दौरान स्वर्ण मंदिर पर की गई सैन्य कार्रवाई से काफी नाराजगी थी। इसी वजह से सिख अंगरक्षकों ने उनकी हत्या की थी।

राजीव गांधी (Rajiv Gandhi)

इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के बड़े पुत्र राजीव गांधी पेशे से पायलट थे। छोटे भाई संजय गांधी की हवाई दुर्घटना में मृत्यु के बाद वर्ष 1981 में वह मां इंदिरा गांधी को सहयोग करने के लिए राजनीति में आए। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वह प्रधानमंत्री बने। उन्हें भारत में सूचना क्रांति का जनक माना जाता है। मतदाताओं की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष करना, महिलाओं के लिए 33 फीसद आरक्षण भी उन्हीं की देन है। 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरुमबुदुर (Sriperumbudur) में एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान 'लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम' (LTTE) की आत्मघाती महिला आतंकी ने उन्हें बम से उड़ा दिया था।

बेनजीर भुट्टो (Benazir Bhutto)

पाकिस्तान की 12वीं व 16वीं प्रधानमंत्री रहीं बेनजीर भुट्टो की हत्या 27 दिसंबर 2007 को की गई थी। उस वक्त वह रावलपिंडी में एक राजनीतिक रैली कर रहीं थी। इसी दौरान उन्हें आत्मघाती धमाके और गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था। बेनजरी किसी भी मुस्लिम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं।

आर्चड्युक फर्डिनेंड (Archduke Franz Ferdinand)

आर्चड्युक फर्डिनेंड ऑस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य के उत्तराधिकारी थे। 28 जून 1914 को वह पत्नी होहेनबर्ग संग बोस्निया स्थित साराएवो के दौरे पर थे। इसी दौरान उनकी और उनकी पत्नी की एक सार्वजनिक कार्यक्रम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या को प्रथम विश्व युद्ध की पहली चिंगारी माना जाता है।

शेख मुजीबुर्रहमान (Sheikh Mujibur Rahman)

बांग्लादेश के प्रथम राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान की 15 अगस्त 1975 को राष्ट्रपति भवन में ही परिवार सहित हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को बांग्लादेश सेनावाहिनी (बांग्लादेश की सेना) के युवा समूह ने अंजाम दिया था। शेख मुजीबुर्रहमान को बांग्लादेश का जनक भी कहा जाता है। उन्हें बंगबन्धु की पदवी से सम्मानित किया गया था। उनकी हत्या के सैनिक तख्तापलट के मकसद से की गई थी। युवा सैन्य अफसरों की ये टुकड़ी हथियार बंद तो थी ही, ये अपने साथ टैंक लेकर भी राष्ट्रपति भवन पहुंची थी।


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