कोरोना से लड़ने के तरीकों पर पीएम मोदी ने की दक्षिण कोरिया और उगांडा के राष्ट्रपति से चर्चा
पीएम नरेंद्र मोदी ने आज दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन और उगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की।
नई दिल्ली, एजेंसियां। पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन और उगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। नेताओं ने COVID19 महामारी की वजह से वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों के सामने चुनौती, वर्तमान आर्थिक स्थिति और महामारी से निपटने के लिए अपने देशों में उठाए गए कदमों की जानकारी साझा की।
पीएम मोदी ने कोरिया गणराज्य द्वारा तकनीक के इस्तेमाल की प्रशंसा की
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर बताया, 'कोविड-19 के मौजूदा हालात और सहयोग व तकनीक की ताकत के जरिये इस महामारी से हम कैसे लड़ सकते हैं, इस पर राष्ट्रपति मून जे इन से टेलीफोन पर बातचीत की।' इस संबंध में जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, भारतीय कंपनियों द्वारा हासिल किए जा रहे चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति और परिवहन में मदद करने के लिए प्रधानमंत्री ने कोरिया सरकार की सराहना भी की। साथ ही मोदी ने इस संकट से निपटने में कोरिया गणराज्य द्वारा तकनीक के इस्तेमाल की प्रशंसा भी की।
मून ने कोरियाई नागरिकों की मदद के लिए धन्यवाद कहा
वहीं, मून जे इन ने भारतीय अधिकारियों द्वारा इतनी बड़ी भारतीय आबादी को महामारी के खिलाफ एकजुटता से लड़ने के लिए प्रेरित करने की सराहना की। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि कोविड-19 का अनुसंधान के जरिये समाधान निकालने के लिए उनके विशेषज्ञ एक दूसरे से विचार-विमर्श जारी रखेंगे और अपने अनुभव साझा करते रहेंगे। कोरियाई राष्ट्रपति ने भारतीय अधिकारियों द्वारा भारत में कोरियाई नागरिकों को प्रदान की जा रही मदद के लिए धन्यवाद दिया। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति मून को आगामी नेशनल असेंबली इलेक्शन के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
कोरोना वायरस महामारी के विश्वव्यापी संकट के दौर में पीएम नरेंद्र मोदी विश्व के अलग-अलग नेताओं से बात कर रहे हैं। इस कड़ी में पिछले मंगलवार को ओमान के सुल्तान और स्वीडन के प्रधानमंत्री से बात की है और उन्हें भी हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया। असलियत में पीएम नरेंद्र मोदी एकमात्र ऐसे वैश्विक नेता हैं जो इस संकट के काल में लगातार दूसरे देशों के प्रमुखों के साथ संपर्क में हैं और उन्हें मदद भी देने का आश्वासन दे रहे हैं।
दक्षिण कोरिया ने ट्रिपल टी के फार्मूले पर काम कर लगाई कोरोना पर रोक
दक्षिण कोरिया ने जिस तरह से कोरोना वायरस के प्रसार पर रोक लगाई है, उसकी पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है। दक्षिण कोरिया ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए वहां की सरकार ने ट्रिपल टी फार्मूले पर काम किया। इसमें पहले मरीज की पहचान फिर उसकी जांच और फिर इलाज शामिल था।
अंग्रेजी में कहें तो इसको Trace-Test-Treat कहा जाएगा। यहां पर इसका पहला मामला 20 जनवरी को सामने आया था। एक महिला को जांच के बाद इस वायरस से संक्रमित पाया गया था। ये महिला कुछ समय पहले ही वुहान से वापस आई थी। इसके बाद यहां पर बड़ी तेजी से कोरोना वायरस के मामले बढ़ गए थे।
चर्च की प्रार्थना में शामिल लोगों को किया गया था ट्रेस
दरअसल, जो महिला वुहान से वापस लौटी थी उसने इस चर्च की प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया था। इसके बाद यहां शामिल हुए ज्यादातर लोग इसकी चपेट में आ गए थे। मामला सामने आते ही और मरीज की लोकेशन ट्रेस होते ही प्रशासन ने सबसे पहले इस चर्च के सभी दो लाख सदस्यों की सूची हासिल की।
इसके बाद इन सभी की जांच की गई भले ही उस दिन वो व्यक्ति चर्च में गया था या नहीं। इस दौरान सभी को क्वारंटाइन किया गया। जो इस जांच के बाद संक्रमित पाए गए उनका पूरा इलाज किया गया।