चीन से भारत के लिए रवाना PM मोदी, जानिए SCO सम्मेलन में क्या-कुछ हुआ खास
पीएम मोदी चीन से भारत के लिए रवाना। रविवार को क्विंगदाओ शहर में आठ सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन को मोदी ने संबोधित किया।
क्विंगदाओ (एएनआइ)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन से भारत के लिए रवाना हो गए हैं। रविवार को चीन के क्विंगदाओ शहर में आठ सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान एससीओ सदस्य देशों के बीच उन्होंने कहा कि पड़ोसियों के साथ कनेक्टिविटी पर भारत का जोर है। साथ ही आतंकवाद को लेकर इशारों में पीएम मोदी ने अफगानिस्तान के बहाने पाकिस्तान को निशाने पर लिया। उन्होंने अफगानिस्तान को आतंकवाद का दुखद उदाहरण बताया।
सम्मेलन में क्या बोले मोदी
- पीएम मोदी ने कहा कि सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।
- सुरक्षा को लेकर पीएम मोदी ने नया मंत्र दिया, जिसे उन्होंने SECURE नाम दिया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिए छह अहम कदम उठाने जरूरी हैं।
- उन्होंने कहा, ' हम फिर से एक मंच पर पहुंचे हैं जहां भौतिक और डिजिटल कनेक्टिविटी भूगोल की परिभाषा को बदल रही है। इसलिए पड़ोसियों और एससीओ क्षेत्र में कनेक्टिविटी हमारी प्राथमिकता है।'
- मोदी बोले, 'भारत में केवल छह फीसद विदेशी पर्यटक एससीओ देशों से हैं, इसे आसानी से दोगुना किया जा सकता है। हमारी साझा संस्कृतियों के बारे में जागरूकता बढ़ने से इस संख्या को बढ़ावा मिलेगा। हम एससीओ फूड फेस्टिवल और भारत में बौद्ध त्यौहार आयोजित करेंगे।'
- आतंक का जिक्र करते हुए उन्हो कहा, 'अफगानिस्तान आतंकवाद के प्रभाव का दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है। मुझे उम्मीद है कि शांति की दिशा में राष्ट्रपति गनी द्वारा उठाए गए कदमों का क्षेत्र में हर कोई सम्मान करेगा।'
चीन के क्विंगदाओ में आठ सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन का प्लेनरी सेशन के दौरान पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्हादिमीर पुतिन भी मौजूद थे।
सम्मेलन के इतर इन नेताओं से मिले मोदी
- किर्गिज़स्तान के राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोव से पीएम मोदी ने की मुलाकात।
- पीएम मोदी ने कज़ाख़िस्तान के राष्ट्रपति नूर्सुल्तान नाज़र्बायव से भी मुलाकात की।
- एससीओ शिखर सम्मेलन से पहले स्वागत समारोह में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच मुलाकात हुई। शनिवार को क्विंगदाओ पहुंचते ही मोदी ने एससीओ समिट के इतर चीनी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की।
समिट से पहले मोदी और चिनफिंग की मुलाकात
द्विपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने करीब एक महीने पहले वुहान में हुई पहली अनौपचारिक बैठक में लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन पर चर्चा की। दोनों नेताओं के बीच पिछले चार साल में यह 14वीं मुलाकात है। इस दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच बाढ़ के आंकड़े उपलब्ध कराने और चावल के निर्यात के नियम सरल बनाने को लेकर समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
कब और क्यों हुई SCO की स्थापना?
शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना 2001 में हुई। इसके उद्देश्यों में सीमा विवादों का हल, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ाना और सेंट्रल एशिया में अमेरिका के बढ़ते प्रभाव को काउंटर करना शामिल है। इसके सदस्यों में चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान हैं।
पिछले साल SCO का पूर्ण सदस्य बना भारत
गौरतलब है कि पिछले साल ही भारत शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का पूर्ण सदस्य बना है। एससीओ के पूर्ण सदस्यों में भारत, चीन, रूस, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। वहीं, अफगानिस्तान, मंगोलिया, इरान और बेलारूस पर्यवेक्षक हैं।