शांति वार्ता अमेरिका के प्रतिबंधों और दबाव का नतीजा नहीं: उत्तर कोरिया
ट्रंप ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि वह उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध और दबाव बनाए रखेंगे और पिछली गलतियों को नहीं दोहराएंगे।
सियोल, एएफपी/रायटर। उत्तर कोरिया ने कहा है कि परमाणु निरस्त्रीकरण और बातचीत की उसकी घोषणा अमेरिका के प्रतिबंधों और दबाव का नतीजा नहीं है। उसने चेताया कि अमेरिका के ऐसे दावे से कोरियाई प्रायद्वीप के पुरानी स्थिति में लौटाने का खतरा है। गौरतलब है कि अगले कुछ हफ्तों में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की मुलाकात होनी है।
-अमेरिका को दी चेतावनी, ऐसे दावे से कोरियाई प्रायद्वीप के पुरानी स्थिति में लौटाने का खतरा
बता दें कि ट्रंप ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि वह उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध और दबाव बनाए रखेंगे और पिछली गलतियों को नहीं दोहराएंगे। साथ ही कहा था कि उनके सख्त रुख से ही उत्तर कोरिया ने ऐसी घोषणा की। उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका परमाणु निरस्त्रीकरण के उसके वादे को प्रतिबंधों और अन्य दबाव का नतीजा बताकर लोगों को गुमराह कर रहा है।
उत्तर कोरिया के हाल के कदमों को कमजोरी की निशानी बताना बातचीत के लिए अनुकूल नहीं होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका बातचीत के मौजूदा माहौल को बिगाड़ने के लिए जानबूझकर उत्तर कोरिया को उकसा रहा है। उसे दक्षिण कोरिया में रणनीतिक सामान की तैनाती और मानवाधिकार का मसला उठाकर उकसाना नहीं चाहिए।
उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को लेकर संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने उस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। 27 अप्रैल को किम और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन की शिखर बैठक में कोरियाई प्रायद्वीप को पूरी तरह परमाणु हथियार मुक्त करने का संकल्प लिया गया।