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भारत चीन के नेतृत्व से ही निकल पाएगा हाट स्प्रिंग का गतिरोध, जानें 14वें दौर की वार्ता से क्‍या मिले संकेत

14वें दौर की वार्ता में हाट स्प्रिंग इलाके से सैनिकों की वापसी पर ही सबसे ज्यादा चर्चा हुई लेकिन गतिरोध खत्‍म करने के अंतिम स्वरूप पर सहमति को लेकर दोनों पक्ष अपने नेतृत्व से मशविरा करेंगे। अब दारोमदार दोनों देशों के नेतृत्‍व पर है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 08:52 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jan 2022 10:53 AM (IST)
भारत चीन के नेतृत्व से ही निकल पाएगा हाट स्प्रिंग का गतिरोध, जानें 14वें दौर की वार्ता से क्‍या मिले संकेत
भारत और चीन के कोर कमांडरों के बीच हुई 14वें दौर की वार्ता बेनतीजा रही।

संजय मिश्र, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख के हाट स्प्रिंग इलाके में आमने-सामने का सैन्य टकराव खत्म करने को लेकर भारत और चीन के कोर कमांडरों के बीच हुई 14वें दौर की वार्ता बेनतीजा रही। हालांकि दोनों देशों ने इस वार्ता में यह जरूर सुनिश्चित किया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बहाली और गतिरोध के हल के लिए जारी बातचीत का दौर ट्रैक से नहीं उतरेगा। भारत और चीन दोनों ने अगले दौर की कमांडर स्तरीय वार्ता के जल्द होने की बात कही है।

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अब नजरें 15वें दौर की वार्ता पर

समझा जाता है कि भारत और चीन कमांडरों की हुई ताजा बातचीत की दशा-दिशा को लेकर अपने शीर्ष राजनीतिक कूटनीतिक और सैन्य नेतृत्व से व्यापक चर्चा के बाद अगले दौर की वार्ता करेंगे। कोर कमांडरों की 15वें दौर की इस प्रस्तावित वार्ता में हाट स्प्रिंग इलाके से सैनिकों को हटाने के गतिरोध के हल पर निर्णायक बातचीत की उम्मीद है।

राष्ट्रीय नेतृत्व पर दारोमदार

भारत-चीन के कोर कमांडरों की वार्ता के बाद जारी संयुक्त प्रेस बयान में कहा गया है कि एलएसी के गतिरोध का हल निकालने के लिए दोनों पक्षों के बीच बेबाक और गहन बातचीत हुई और तय हुआ कि दोनों पक्ष अपने राष्ट्रीय नेतृत्व के मार्गदर्शन के हिसाब से बचे मसलों के जल्द समाधान के लिए काम करेंगे।

शांति बहाली की दिशा बढ़ी बात

बयान में इन वार्ताओं के जरिए एलएसी पर पश्चिमी सेक्टर में शांति बहाली की दिशा में आगे बढ़ने की बात का भी जिक्र किया गया है। कोर कमांडरों की यह वार्ता बुधवार को चीन के मोल्डो में 12 घंटे से अधिक चली जिसमें भारत का नेतृत्व 14वें कोर के नए कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने की। इस वार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शामिल थे।

हाट स्प्रिंग पर सबसे ज्‍यादा चर्चा

कोर कमांडरों की 13वें दौर की वार्ता भी बीते 10 अक्टूबर को हाट स्प्रिंग इलाके का गतिरोध खत्म करने पर केंद्रित थी लेकिन यह भी बेनतीजा रही थी। इसके बाद दोनों पक्षों की ओर से करीब तीन महीने की अंदरूनी मशक्कत के बाद 14वें दौर की वार्ता हुई और बताया जाता है कि इसमें हाट स्प्रिंग इलाके से सैनिकों की वापसी पर ही सबसे ज्यादा चर्चा हुई लेकिन गतिरोध खत्‍म करने के अंतिम स्वरूप पर सहमति को लेकर दोनों पक्ष अपने नेतृत्व से मशविरा करेंगे। इसके बाद ही 15वें दौर की वार्ता की तारीख तय होगी।

एक दिन पहले ही सेना प्रमुख ने दे दिया था संकेत

हाट स्प्रिंग के साथ डेमचोक और डेपसांग के सैन्य गतिरोध का हल निकालने की जटिल चुनौतियों का संकेत वेसे सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने बुधवार को दिन में ही दे दिया था। सेना प्रमुख ने कहा था कि बेशक सैन्य कमांडरों की वार्ताओं के दौर से गतिरोध हल करने की दिशा में हम आगे बढ़े हैं लेकिन हर राउंड की वार्ता में नतीजा निकले इसकी उम्मीद करना मुनासिब नहीं है। 


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